Ayodhya

किछौछा दरगाह इंतजामियां कमेटी की लापरवाही जायरीनों के लिए बन गयी है मुसीबत

अम्बेडकरनगर। नगर पंचायत अशरफपुर किछौछा में स्थित विश्व प्रसिद्ध सूफी संत सैयद हजरत मजदूर अशरफ सिमनानी के पवित्र स्थली पर दर्शन के लिए देश से ही नहीं वरन् विदेशों से भी श्रद्धालुओं का आगमन भारी संख्या में होता है जिसमें प्रशासनिक व्यवस्था भी बड़ी मुस्तैदी के साथ जिला प्रशासन को लगानी पड़ती है। आगामी दिनों में उर्स के मेले का आगाज होने वाला है ऐसी दशा में दरगाह की जिम्मेदारान इंतजामियां कमेटी अपने पुराने ढर्रे पर चलने से बाज नहीं आ रही है जिसका खामियाजा श्रद्धालुओं को भुगतना पड़ता है।

बताते चलें कि श्रद्धालुओं का जमावड़ा जब होना शुरू होता है तो जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है जिससे निजात पाना मिल का पत्थर साबित हो जाता है। किंतु सवाल सबसे बड़ा है कि दर्शन के लिए आए हुए श्रद्धालुओं के लिए इंतजामिया कमेटी द्वारा आखिरकार क्या-क्या व्यवस्थाएं की जाती है। सबसे अहम बिंदु निकालकर आता है श्रद्धालुओं के लिए शौचालय की व्यवस्था और रेन बसेरा जो पूरी तरह से धराशाई नजर आ रहा है। उर्स मेले के दौरान दरगाह के पूरे क्षेत्र में गंदगियों का अंबार लग जाता है तो वही शौचालय की व्यवस्था न होने के कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है सफेद हाथी की तरह बना हुआ शौचालय अक्सर बंद नजर आता है और जब कभी खुलता भी है तो शुल्क सुविधा श्रद्धालुओं से लिया जाता है। जो इंतजामियां कमेटी पर एक बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है।

इतना ही नहीं हाल ही में मामला प्रकाश में आया था नींर के किनारे निर्माण को लेकर काफी कौतुहल का माहौल बना हुआ था जिसमें इंतजामिया कमेटी की मनमानी खुलकर सामने आई थी इंतजामिया कमेटी पर लगे प्रश्न चिन्ह का आज तक कहीं पर कोई उत्तर नहीं मिलता नजर आ रहा है। चर्चा का विषय आम है कि इंतजामिया कमेटी अपने उद्देश्यों से भटक गई है कहीं न कहीं अपने कर्तव्य से विमुख हो चुकी है स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कमेटी से चंदा वसूली करती है और इस संडे के पैसे का कहीं पर सुविधा के नाम पर उपयोग होता नजर नहीं आता लेकिन चंदे का पैसा कहां जाता है किसके काम में आता है इसका भी कुछ पता नहीं और जिसका खामियाजा दर्शन के लिए आए श्रद्धालुओं को भुगतना पड़ता है। इंतजामियां कमेटी पर उठने वाले सवाल किसी से छुपा नहीं है लेकिन अपनी बेशर्मी का आलम हर बार बांह फैलाकर बेशर्मी से बयां करता रहता है। आगामी दिनों में उर्स मेले का आगाज किस कदर होगा और कैसे बीतेगा श्रद्धालुओं को रुकने के लिए रैन बसेरा की व्यवस्था क्या होगी सब ढाक के तीन-तीन पात ही नजर आ रहा है जबकि रैन बसेरे की विशेष प्रबंध करने की जिम्मेदारी इंतजामिया कमेटी के कंधों पर ही है किंतु इंतजामिया कमेटी अपने किसी भी मूल कर्तव्यों को निभाते हुआ नजर नहीं आता है।

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