जनसभा को संबोधित करते हुए जब अखिलेश को जितवाने की अपील करना भूल गए मुलायम, कान में कहना पड़ा- वोट मांगिए
मैनपुरी की करहल सीट से चुनाव लड़ रहे अखिलेश यादव के प्रचार के लिए गुरुवार को पहली बार समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव भी मैदान में उतरे। उन्होंने करहल में जनसभा को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव के लिए वोट मांगा। लंबे समय बाद चुनावी सभा में आए मुलायम के जोश में कोई कमी नहीं थी, लेकिन उनकी आवाज में अब उम्र का असर जरूर दिखा। नेताजी ने किसानों, नौजवानों और व्यापारियों की तरक्की को देश की मजबूती के लिए जरूरी बताया। हालांकि, इस दौरान वह अखिलेश को जितवाने की अपील करना भूल गए और भाषण को खत्म करने लगे तो धर्मेंद्र यादव को उन्हें याद दिलाना पड़ा।
करहल में आयोजित सभा में उमड़ी भारी भीड़ को देखकर सपा संस्थापक बेहद गदगद दिखे। उन्होंने अपने भाषण में कई बार भारी भीड़ का जिक्र करते हुए कहा कि लाखों लोग उम्मीद के साथ यहां आए हैं। उन्होंने भरोसा दिया कि सपा लोगों की उम्मीदों को टूटने नहीं देगी। मुलायम ने कहा, ”सपा की नीतियां हैं कि किसानों को प्राथमिकता दी जाए, खाद बीज और सिंचाई का साधन उपलब्ध कराया जाए। पैदावार बढ़ेगी तो किसानों की हालत सुधरेगी। व्यापारियों को भी सुविधा दी जाए ताकि वह किसानों की पैदावार खरीदे। लाखों नौजवानों को नौकरी-रोजगार दिलाने की जरूरत है। किसान नौजवान और व्यापारी ये तीन मिलकर ही देश को मजबूत बनाएंगे।
बोले जो भी उम्मीदवार हो जितवा देना
मुलायम सिंह यादव का पूरा भाषण किसानों, व्यापारियों और नौजवानों पर केंद्रित रहा। उन्होंने कई बार दोहराया कि सपा सरकार इनके लिए काम करेगी, क्योंकि इनकी खुशहाली से ही देश मजबूत होगा। जनता को आभार जताते हुए मुलायम अपने भाषण को खत्म करने की ओर बढ़ने लगे तो पास में ही खड़े सांसद धर्मेंद्र यादव ने पर्ची पकड़ाते हुए उनके कान में कहा, वोट मांगिए। यह सुनकर खुद मुलायम सिंह यादव और आसपास खड़े सभी लोग हंसने लगे। हालांकि, मुलायम सिंह एक पल के लिए करहल के प्रत्याशी और अपने बेटे अखिलेश का नाम भी भूल गए और कहा कि जो भी यहां उम्मीदवार हैं, उन्हें जिता देना। धर्मेंद्र ने फिर उनकी मदद की तो मुलायम ने कहा कि अखिलेश यादव को भारी मतों से जिता देना।