प्रजातन्त्र में चुनाव का दौर
सुरेश रायकवार
प्रजातन्त्र में आया दौर चुनाव का
सुनो सुनो मतदाता शोर चुनाव का
कई सारे प्रत्याशी हैं मैदान में
अनपढ़ और अपराधी भी मैदान में
सदन में जाकर ये उत्पात मचाएंगे
भ्रष्टाचार के कीर्तिमान रचाएंगे
समय कुए और खाई में ये चुनाव का
प्रजातन्त्र में आया दौर चुनाव का
झंडे डंडे रैलियों का दौर है
दिशाओं में भाषण नारों का शोर है
हर बार ठगाता है चुनाव में मतदाता
नेता को चुनकर पछताता मतदाता
प्रजातांत्रिक मूल्यों के अभाव का
प्रजातन्त्र में आया दौर चुनाव का
सुबह शाम हो रात, दिन या हो दुपहर
नेता भटक रहे गलियों में इधर उधर
तरह तरह से लुभा रहे मतदाता को
वादे करके भरमा रहे मतदाता को
मौका है प्रत्याशियों के दांव का
प्रजातन्त्र में आया दौर चुनाव का
पूछ परख बढ़ती चुनाव में चमचों की
जैसे खातिर होती श्राद्ध में कौओ की
गुंडे मवाली साथ में घूमते नेता के
यशोगान करते सब अपने नेता के
अवसर ये महा-बलियों के प्रभाव का
प्रजातन्त्र में आया दौर चुनाव का
प्रजातन्त्र की आड़ में रचते षड्यंत्र
चलते जादू-टोने भी और मंत्र-तंत्र
करेंगे धर्म की बातें धर्म के ठेकेदार
जीत के लिए धर्म भी होगा एक हथियार
मत पंथों के लिए वक्त भटकाव का
प्रजातन्त्र में आया दौर चुनाव का
रचयिता
सुरेश रायकवार
152 ए गोयल नगर इंदौर
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