Uttar Pradesh

मुख्‍तार अंसारी के भाई सिबगतुल्लाह को भी सपा ने चुनावी अखाड़े से हटाया, बेटे को दिया टिकट; क्यों बदला प्रत्याशी?

गाजीपुर : मुख्‍तार अंसारी के बाद समाजवादी पार्टी ने उनके बड़े भाई सिबगतुल्लाह को मैदान से हटा दिया है। खबर है कि सिबगतुल्लाह आज अपना पर्चा वापस ले लेंगे। उनकी जगह उनके बेटे शोएब अंसारी मन्‍नू नामांकन करेंगे।

इस बार मुख्‍तार अंसारी भी मऊ से खुद चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। करीब तीन दशक बाद यह पहला मौका है जब मुख्‍तार प्रत्‍याशी नहीं होंगे। सपा गठबंधन में शामिल सुभासपा ने मुख्‍तार की जगह उनके बेटे अब्बास अंसारी को टिकट दिया है।

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के दो चरणों के लिए मतदान हो चुका है। राजनीतिक दल और नेता अब तीसरे चरण के प्रचार में अपनी ताकत झोंक रहे हैं लेकिन इस बीच पूर्वांचल में भी चुनावी माहौल पूरी रंग में आ गया है। यहां छठवें और सातवें चरण में मतदान होना है। गुरुवार को गाजीपुर की मुहम्मदाबाद सीट पर अचानक सियासी सरगर्मी तेज हो गई है।

खबर आई कि यहां से सपा के टिकट पर मुख्तार अंसारी के बड़े भाई सिबगतुल्लाह अंसारी की जगह पर अब उनके बेटे शोएब अंसारी मन्नू दावेदारी करेंगे। सिबगतुल्लाह आज अपना पर्चा वापस ले लेंगे। शोएब 12 बजे नामांकन कर सकते हैं।

शोएब अंसारी मन्नू भी समाजवादी पार्टी के टिकट पर अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। इस राजनीतिक फेरबदल की जानकारी सपा जिलाध्यक्ष रामधारी यादव ने दी। उन्‍होंने बताया कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मन्नू अंसारी को नामांकन की स्वीकृति दे दी है।

अंतिम दिन गुरुवार को दिन में 12 बजे मुहम्मदाबाद विधानसभा से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के रुप में शोएब उर्फ मन्नू अंसारी नामांकन करेंगे।नई पीढ़ी को विरासत सौंपने की जल्दी क्‍यों?

मुख्‍तार के चुनाव न लड़ने के फैसले पर लोगों को लगा था कि जेल से जमानत न मिल पाने की आशंका के चलते उन्‍होंने यह कदम उठाया है लेकिन अब उनके बड़े भाई सिबगतुल्लाह अंसारी को भी मैदान से हटाकर उनके बेटे को टिकट दिए जाने के पीछे राजनीति के जानकारों को सपा की रणनीति दिखाई दे रही है।

इधर, भाजपा लगातार समाजवादी पार्टी के उम्‍मीदवारों के बैकग्राउंड (पृष्‍ठभूमि) पर सवाल उठा रही है। प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और सीएम योगी से लेकर भाजपा के तमाम वरिष्‍ठ नेता सपा को माफियाओं-अपराधियों की पार्टी बताकर जनसभाओं में दावा कर रहे हैं कि यदि ये सत्‍ता में लौटे तो कानून-व्‍यवस्‍था चौपट हो जाएगी।

अब जबकि चुनावी फोकस पूर्वांचल होने जा रहा है, समाजवादी पार्टी नहीं चाहती है कि भाजपा मुख्तार या उनके बड़े भाई के नाम पर किसी तरह की घेरेबंदी कर सके। मुख्तार अंसारी 15 साल से जेल में हैं। पंजाब से उन्हें यूपी लाने के बाद बांदा जेल में रखा गया है।

चुनाव में कानून-व्‍यवस्‍था को मुद्दा बनाने की भाजपा की कोशिशों और अंसारी बंधुओं की छवि को देखते हुए समाजवादी पार्टी गठबंधन ने नई पीढ़ी को आगे करने की नई रणनीति अपनाई है। इसी रणनीति के तहत मुख्‍तार अंसारी और सिबगतुल्लाह को मैदान से हटाकर उनके बेटों को उतारा जा रहा है।

मुख्तार के नामांकन की तैयारी भी थी

मऊ सदर सीट से विधायक मुख्तार अंसारी लगातार पांच जीत दर्ज कर चुके हैं। पिछले दिनों मुख्‍तार अंसारी के नामांकन के लिए अदालत से इजाजत भी मांगी गई थी। अदालत ने उनके वकील और अन्य लोगों को जेल में जाकर नामांकन प्रक्रिया पूरी करने की इजाजत भी दे दी थी। नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के पहले दिन उनके अधिवक्ता दारोगा सिंह ने कोर्ट से सारी प्रक्रियाएं पूरी करवाई थी।

जेल में मुलाकात के लिए सभी 22 लोगों की आरटीपीसीआर जांच भी हुई थी। मुख्तार अंसारी के लिए सुभासपा के नाम पर नामांकन पत्र लिया गया था। इस बीच सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने भी यह कहकर माहौल को गरमा दिया था कि मऊ सदर से मुख्तार या अब्बास दोनों में से कोई भी लड़ सकता है। अंततः यह तय हो गया कि मुख्तार अंसारी चुनाव नहीं लड़ेंगे।

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