माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को MP-MLA कोर्ट ने गैंगस्टर के मामले में दी जमानत, जानें क्या जेल से आ सकेंगे बाहर
आजमगढ़. बांदा जेल में बंद मऊ सदर से विधायक और बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को गैंगस्टर एक्ट के एक मामले में मऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट (MP_MLA Court) ने उन्हें एक लाख के निजी मुचलके पर जमानत (Bail) दे दी है.
साथ ही कोर्ट ने कहा है कि अगर उनके ऊपर कोई मुकदमा नहीं है तो उन्हें तुरंत जेल से रिहा किया जाए. गौरतलब है कि सातवें चरण में मऊ जिले में चुनाव होना है और उनकी जगह इस बार उनके बेटे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से मऊ सदर सीट से चुनावी ताल ठोक रहे हैं.
गौरतलब है कि 2011 में मऊ के दक्षिण टोला के एक मामले में उन पर गैंगस्टर एक्ट का मामला दर्ज हुआ था. इस मामले में मुख्तार अंसारी के वकील ने कोर्ट से कहा कि इस मामले में 10 साल की सजा पूरी कर ली है, अब उन्हें जमानत मिलनी चाहिए.
कोर्ट ने वकील की इस दलील को मानते हुए उन्हें तुरंत एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया. मुख्तार के वकील ने कहा कि अगर उनके ऊपर कोई मुकदमा नहीं है तो उन्हें तुरंत रिहा किया जाएगा.
रिहाई संभव नहीं
बता दें कि मुख़्तार अंसारी के खिलाफ योगी सरकार में ही 12 मुक़दमे दर्ज हुए हैं. अभी भी उनके ऊपर 15 मामले दर्ज हैं. लिहाजा उनका जेल से बाहर आना अभी संभव नहीं दिख रहा है. यूपी के पूर्व डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि अभी उन्हें नहीं लगता है कि वे बाहर आ सकते हैं. क्योंकि उन्हें एक ही मामले में जमानत मिली है. अभी अन्य मुकदमे भी हैं. ओपी सिंह ने कहा कि अभी मैंने कोर्ट का आदेश देखा नहीं है, लेकिन उनके ऊपर अभी कई मुक़दमे दर्ज हैं, लिहाजा अभी रिहाई संभव नहीं दिख रही है.
इसके अलावा एक अन्य पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने कहा कि एक शातिर अपराधी को जमानत मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है. लिहाजा इस जमानत के खिलाफ अपील होना चाहिए, वैसे तो उनकी रिहाई मुश्किल है, लेकिन उन्हें अन्य मामले में भी जमानत मिल सकती है. मुख्तार अंसारी ने चुनाव के समय का लाभ उठाया है. उन्हें पता है कि पुलिस और जिला प्रशासन चुनाव में व्यस्त है. इसी का फायदा उठाया गया है. अब यह सुनिश्चित करना होगा कि ठोस पैरवी की जाए.
इस मामले में मिली जमानत
मऊ जिले के एमपी-एमएलए कोर्ट ने 2011 में थाना दक्षिण टोला के अंतर्गत आरटीओ ऑफिस में एक गवाह और उसके सरकारी गनर के हत्या के मामले में मुख़्तार अंसारी के ऊपर गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज हुआ था और इसमें लगभग 10 वर्ष की सजा होती है. तब से लेकर आज तक मुख्तार अंसारी जेल में बंद है. लिहाजा उन्हें सजा से ज्यादा समय जेल में बंद रहने की वजह से गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे में जमानत मिली है.