भाजपा और सपा प्रत्याशी की जोरदार टक्कर में कौन होगा सांसद अटकलें जारी

- भाजपा और सपा प्रत्याशी की जोरदार टक्कर में कौन होगा सांसद अटकलें जारी
- 25 मई को होने वाले मतदान में अभी तक वोटर मौन,मंशा जानने के लिए प्रत्याशी बेचैन
अंबेडकरनगर। लोकसभा आम चुनाव में जनता के रुख का प्रत्याशी भी आकलन नहीं कर पा रहे हैं। चुनाव को अब पूर्ण होने में चंद दिनों का ही फासला रह गया है लेकिन प्रत्याशी जनता की चुप्पी के चलते कुछ भी अंदाजा नहीं लग पा रहे हैं। गत दिनों सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की जनसभा में उमड़ा जन सैलाब जनता के रुख का विपक्षी पार्टियों के लिए एक संकेत जरूर दे गया है कि समाजवादी पार्टी चुनावी जंग में पीछे नहीं है, वहीं बसपा प्रत्याशी कमर हयात इस लड़ाई में अथक प्रयासों के बाद भी कोसों दूर देखे जा रहे हैं खुद उनके मुस्लिम वोटर भी इनसे कटे-कटे से दिखाई दे रहे हैं।
चुनाव में बसपा के कोसों दूर होने के बाद सपा तथा भाजपा प्रत्याशी ही आमने-सामने चुनावी समर भूमि में ताल ठोक रहे हैं। बसपा से सांसद रह चुके भाजपा प्रत्याशी रितेश पांडेय को आम जनता पूरे 5 वर्ष बाद मिलने पर हृदय से स्वीकार नहीं कर पा रही है तो वहीं उनके साथ भाजपा का सिंबल ही उनका सहारा बन रहा है। जिले के अधिकांश भाजपा पदाधिकारी भी इस चुनाव से अपने को अलग रख रहे हैं। कारण है कि उनको प्रत्याशी द्वारा कोई तवज्जो नहीं दिया जा रहा है।
अपनी बची-बचाई प्रतिष्ठा को लेकर अधिकांश पदाधिकारी चुनाव से किनारे हैं। वहीं सपा प्रत्याशी लालजी वर्मा के बारे में माना जा रहा है चुनावी दंगल के मजे खिलाड़ी होने के साथ ही बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहकर वे जनता से जुड़े रहे और सभी वर्ग के मतदाताओं में अच्छी पैठ बना चुके हैं जिसका लाभ उन्हें इस चुनाव में मिल सकता है।
चुनाव की यह जंग कौन सा प्रत्याशी फतह कर सकेगा? यह तो मतगणना के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा लेकिन जनता भी अपने पत्ते खोलने में जल्द बाजी नहीं दिखा रही है जो बदलाव का संकेत माना जा रहा है। पूर्व के भी कई चुनाव में जब जनपद की मतदाताओं ने चुप्पी साधी तो बदलाव के बाद ही जनता की चुप्पी टूटी है।
फिलहाल इस लोकसभा आम चुनाव में जनता की चुप्पी क्या गुल खिलाएगी? यही सोच कर प्रत्याशी भी हैरान एवं परेशान नजर आ रहे हैं। जनपद मुख्यालय पर भारत के गृह मंत्री की रैली एवं जनसभा वृहस्पतिवार को होने जा रही है। अब देखना यह है कि केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह 55 लोकसभा सीट के प्रत्याशी को विजय दिलाने में किस हद तक कामयाब होंगे।