एनआर मण्डलः भ्रष्टाचारियों के काकस से नहीं उबर पा रहा है आलमबाग लोको डीजल शेड
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एनआर मण्डलः भ्रष्टाचारियों के काकस से नहीं उबर पा रहा है आलमबाग लोको डीजल शेड
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डीआरएम से लेकर रेलवे बोर्ड तक इन भ्रष्टाचारियों ने बना रखी है गहरी पैठ
लखनऊ। उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल में भ्रष्टाचारियों द्वारा नायाब तरीका अपनाये जाने का मामला प्रकाश में आया है जिसके जरिये कार्मिक विभाग में गैंग धङल्ले से लूट खसोट में सक्रिय होकर करोङों की लूट कर शामिल मालामाल हो रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार इन भ्रष्टाचारियों का संगठन आमने-सामने उस समय आ गये जब कमीशन बाजी को लेकर संजीव पाडेय सी क्लर्क एवं चर्चित लोको निरीक्षक मेडिकल अनफिट सीओ एस सुरेन्द्र मिश्र की जमकर झङप हो गयी। मामला रनिंग स्टाफ की ओवर टाईम पास करने के लिए अवैध वसूली का था। चूंकि संजीव पांडेय प्रति कर्मचारियों से हजारों रुपयों की अवैध वसूली करके अपने इंचार्ज यानी सुरेन्द्र मिश्र को देते थे लेकिन आपसी कमीशन बाजी में पैसा कम पङने के कारण मामला आफिस से बाहर आ गया। सूत्र बताते हैं सुरेन्द्र मिश्र की नियुक्ति से लेकर पदांन्नति तक सभी में मामला संदेह के घेरे में है क्यों कि ये अपने को यूनियन के एक नेता का रिश्तेदार बताते है तथा दूसरे को अपना आका। यह खुलेआम आफिसों में अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अपशब्दों से नवाजते रहते है। सूत्र ने बताया कि इसी बात को लेकर सुरेन्द्र मिश्र ने सोलह जनवरी को एक पत्र निकाल दिया, पत्र संख्या म्ळध्05ध्2023.24 मुख्य कार्मिक नियन्त्रक उरे लखनऊ। जिसमें स्पष्ट रुप से लिखा गया है कि पंकज कुमार तिवारी कार्यालय अधीक्षक एवं संजीव कुमार पांडेय वरिष्ठ लिपिक को शेड नोटिस क्लर्क कार्य करने के संबंध में, तत्कालीन प्रभाव से शेड नोटिस के पद पर लगाया जाता है। उक्त पत्र में यह भी लिखा गया है कि कुल 1046 स्वीकृत पद के सापेक्ष 1007 कर्मचारियों पर मात्र एक क्लर्क सुरेन्द्र प्रसाद ओएस तैनात हैं जो यार्ड स्टिक से अधिक हैं तथा बोर्ड एवं प्रधान कार्यालय के दिशा निर्देशानुसार एचआरएमएस पर समस्त कर्मचारियों का अवकाश खाता जांच कर लोड करने हेतु अभियान चलाया गया है एंव प्रति दिन की प्रक्रिया कार्मिक विभाग द्धारा मांगी गयी है। अधिकृत सूत्र ने बताया कि यह पत्र में खुलेआम भ्रष्टाचार की पोल खुल गयी है कि आलमबाग डीजल शेड में कार्मिक नियंत्रक का कोई पद ही सृजित नहीं है जिसको उक्त तथा कथित लोको आफिस इंचार्ज जो अवैध ढंग से पद पर विराजमान है आखिर किसके आदेश पर इतना बङा जालसाजी करने में अहम भूमिका निभाई। जब कि संबधित अधिकारी का स्पष्ट आदेश है जब कि यह इनके अधिकार क्षेत्र में आता ही नहीं है। सूत्र ने बताया कि ओटी कमीशन के बंटवारे को लेकर आपसी विवाद हुआ एवं बाबू को हटाने का आदेश निकाल दिया। एक अधिकृत सूत्र ने बताया कि जब सारा कार्य यही भ्रष्टाचारी एवं यूनियनों के लोग करने में महारथ हासिल किये है तो फिर मंडल आफिस कार्मिक विभाग की क्या जरूरत है क्यों न रेलमंत्री जी भ्रष्टाचारियों के हाथ सौंप दें। शिकायत कर्ता बाबू संजीव पांडेय ने शिकायती पत्र में आरोप लगाया कि संबधित बाबू जान बूझकर सुरेंद्र मिश्र के दबाव में रजिस्टर आफिस में बंद करके जाते हैं 17 से 23 तक अपनी डियूटी पर नौ बजकर पाच मिनट से लेकर नौ बजकर पन्द्रह मिनट के बीच प्रार्थी आ जाता है। प्रार्थी को कार्यालय अधीक्षक जानबूझ कर परेशान कर रहा है। कार्यालय अधीक्षक एवं एसएसई लोको सुरेन्द्र मिश्र प्रताङित कर रहे हैं जब कि प्रार्थी एचआईवी की दवा खाने मेडिकल कालेज जाता है और दस बजकर तीस मिनट पर अपने आफिस आ जाता है। अधिकृत सूत्र ने बताया कि चर्चित सुरेन्द्र मिश्रा जो लोको चालक के पद पर विगत क्ई वर्षो पूर्व झांसी मंडल से ट्रान्सफर होकर लखनऊ आये और इनका रवैया ऐसे ही रहा। बताया तो यहां तक जा रहा है कि इसने लोको निरीक्षक बनने के लिए झांसी से एक तथा कथित माईलेज किमी. की लिस्ट भी एक यूनियन के नेताजी के प्रभाव से लाये थे लेकिन इसके बावजूद यह चर्चित जालसाज विभागीय परीक्षा में फेल हो गया लेकिन तत्कालीन सीडीएमई जो इनके रिश्तेदार थे पास कर दिये जिसका प्रमाण आप देख सकते हैं कि ऐस ही दर्जनों लोग फर्जी तरीके से नियुक्त होकर दूसरे जोन से आ गये हैं इनके पास करोङों का दो मकान भी आलीशान बना हुआ है।