शर्म और संकोच से युवाओं में बढ़ रहे रेक्टल कैंसर के मामले, जानिए क्या हैं लक्षण और बचाव के तरीके
लखनऊ, । असंतुलित जीवनशैली, असंयमित खान पान, फास्टफूड, रसायनयुक्त और अत्यधिक तेल-मसाले और मिर्च युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन युवा पीढ़ी के लिए घातक साबित हो रहा है। इसमें मरीजों के मलद्वार के बाहरी या अंदरूनी हिस्से पर ट्यूमर व गांठ (लिंफ नोड) बन जाते हैं।
लोहिया संस्थान में अब तक सामने आए मरीजों पर हुए विश्लेषण के अनुसार 40 वर्ष से कम उम्र के सर्वाधिक लोग रेक्टल कैंसर का शिकार हो रहे हैं। इसमें युवक और युवतियां दोनों शामिल हैं। गंभीर बात है कि अधिकतर लोग शर्म और संकोच से रेक्टल कैंसर के तीसरे-चौथे स्टेज में पहुंच जाने के बाद आते हैं। ऐसे लोगों में फिर रिकवरी की संभावनाएं कम रहती हैं।
lohiya संस्थान में गैस्ट्रो सर्जरी के प्रोफेसर व विभागाध्यक्ष डा. अंशुमान पांडेय के अनुसार तीन-चार वर्षों से 40 वर्ष से कम उम्र के युवक-युवतियों में अधिक मामले सामने आ रहे हैं। इसमें मरीजों के रेक्टल में ऊपरी, मध्यम व निचले लेयर में कैंसर देखने को मिल रहा है।
लोहिया संस्थान में अब तक जितने मरीज आए हैं, उनमें करीब आधे मरीज 40 वर्ष से कम उम्र के हैं। हाल ही में लखीमपुर के 32 वर्षीय युवक, बाराबंकी की 28 वर्षीय युवती और लखनऊ के 21 वर्षीय युवक की भी सर्जरी की गई है। इनमें से निओ एडजुवैंट कीमो रेडियोथेरेपी (अत्याधुनिक कीमोरेडियोथेरेपी) से कैंसर वाले भाग की पहले छह से आठ सप्ताह तक सिंकाई की जाती है,फिर जरूरत पड़ने पर दूरबीन विधि से माइनर सर्जरी की जाती है। सिंकाई और सर्जरी ट्यूमर व लिंफ नोड के आकार पर निर्भर करती है।
यह है लक्षण :
मल में खून आना, दर्द भरा मलत्याग, कब्ज, आंतों में रुकावट, मलद्वार में पीड़ा, भूख और वजन का कम होना इत्यादि। इसे कार्सिनोमा रेक्टल के नाम से भी जाना जाता है।
40 वर्ष से कम उम्र य इससे कम करीब आधे मरीजों में कार्सिनोमा रेक्टल के मामले सामने आ रहे हैं। लक्षणों को नजरंदाज कतई न करें। जितनी जल्दी इलाज शुरू करेंगे, उतनी जल्दी स्वस्थ होने की उम्मीद रहेगी। रेशेदार फल व सब्जियां और चोकर युक्त अनाज अधिक खाएं।
मुंह का कोई भी घाव अगर तीन सप्ताह तक नहीं भरता है तो वह मग का कैंसर हो सकता है। अगर समय रहते इलाज कराया जाए तो ओरल कैंसर का सौ फीसदी इलाज संभव है। शराब और तंबाकू के प्रयोग से बचना चाहिए। इससे बचकर काफी हद तक ओरल कैंसर से बचाव किया जा सकता है।