मालीपुर थाने की पुलिस के लिए महिला सशक्तीकरण अभियान नहीं रखता मायने
मालीपुर थाने की पुलिस के लिए महिला सशक्तीकरण अभियान नहीं रखता मायने
किशोरी के साथ दुष्कर्म और महिला की पिटाई की घटना खोल रही पोल
थाने से लेकर एसपी और डीएम तक फरियाद कर रही हैं पीड़िताएं
अंबेडकरनगर। महिला सशक्तीकरण अभियान के दावा के बीच थाना पहुंच रही पीड़ित महिलाओं, किशोरियों की सुनवाई कैसे की जा रही है इस खबर से जाना जा सकता है। थाना में जहां जबरियां तहरीर बदलवा कर मुकदमें का अल्पीकरण वहीं नई तहरीर के बजाय पुरानी तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। यह हाल है मालीपुर थाना का जहां की प्रभारी खुद महिला है। अब सवाल यह है कि महिला सशक्तीकरण अभियान के दौरान ज्ञान बांटने वाली पुलिस ही इसका अनुपालन क्यों नहीं हो रहा है?
केस-1
स्थानीय थाना के एक गांव में बीते 12 अक्तूबर शाम को अपने भाई को खोजने निकली मंदित किशोरी का दो दबंगों ने मुंह दबाकर बाइक से अपहरण कर लिया। परिजनों की खोजबीन में किशोरी का कुछ पता नहीं चला। किशोरी की चाची ने 13 अक्तूबर सुबह में एक युवक को नामजद करते हुए बहला फुसलाकर भगा ले जाने की तहरीर दिया।
किंतु पुलिस ने किशोरी के पता लगाने के साथ ही मुकदमा दर्ज कराने की जहमत नहीं उठाई। 13 अक्तूबर की रात में किशोरी घर पहुंची और परिजनों को आपबीती सुनाई। किशोरी द्वारा बताई गई घटना के अनुसार चाची ने दो युवकों के विरुद्ध अपहरण और दुष्कर्म की तहरीर दी। उसी समय महिला यसओ ने दोनो को थाना पर रोक लिया।
दोनो पीड़िता को रात में महिला हेल्प डेस्क के कमरे में रोका गया। दरोगा विपक्षियां के प्रभाव में आ गई। किशोरी की चाची का ब्रेन वास कर उन्हे मेडिकल में कुछ नही आने का हवाला देकर दुष्कर्म और अपहरण की धारा में मुकदमा दर्ज करने से मना करती रही। अंततः पीड़िता की नई तहरीर को दर किनार कर पुरानी तहरीर पर एक के विरुद्ध पास्को एक्ट के साथ ही बहला फुसलाकर धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया।
केस-2
खजुरी करांदी निवासी एक चोटहिल महिला शांति गुप्ता पारिवारिक कलह के दौरान हुई धारदार मारपीट और दांत काटने की तहरीर दिया। तहरीर में उसने देवर देवरानी, सास और देवरानी के भाई आदि के विरुद्ध धारदार हथियार से मारपीट के साथ ही शरीर के कई अंगों पर दांत से काटने की तहरीर दिया। पुलिस पीड़िता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज करने से कतराती रही। चोटहिल महिला सुबह से लेकर शाम तक थाना पर बैठी रहती।
पुलिस उसके द्वारा दी गई तहरीर पर मुकदमा दर्ज करने के लिए तैयार नहीं थी। तहरीर बदलवाने के बाद ही मुकदमा दर्ज करने का हवाला दिया जाता रहा। पुलिस ने पीड़ित महिला की तहरीर बदलवा कर साधारण मारपीट की खुद तहरीर लिखवाई और तहरीर के अनुसार मारपीट आदि की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया।
पीड़िता के शरीर पर दर्जनों चोट के निशान हैं। पीड़िता जिलाधिकारी और अपर पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर दुखड़ा सुना चुकी है। इसके बावजूद उसके मुकदमें में समुचित धारा नहीं बढ़ा रही है।