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Women Reservation Bill 2023 : महिला आरक्षण बिल के बाद यूपी की सियासत में ऐसे होगा बदलाव, इतनी सीटों पर होगा असर

Women Reservation Bill Uttar Pradesh: 33 फीसद महिला आरक्षण बिल को सोमवार को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी और उम्मीद है कि यह बिल संसद के दोनों से पारित भी हो जाएगा. पिछले 27 वर्षों से इस बिल को राजनीतिक गतिरोध का सामना करना पड़ा. इस बिल के विषय में कांग्रेस ने कहा कि यूपीए 2 के दौरान उनकी तरफ से कोशिश की गई. अब समय आ गया है जब मौजूदा सरकार निर्णायक फैसला करे.

मोदी कैबिनेट के इस 33 फीसद महिला आरक्षण बिल का देश के सबसे बड़े सूबे पर कैसे असर पड़ेगा उसे समझने की जरूरत है. बता दें कि महिला विधेयक 1996 में पहली बार पेश किया गया.मार्च 2010 में राज्यसभा से पारित लेकिन लोकसभा में पारित ना होने से बिल लैप्स हुआ. महिला आरक्षण अगर संसद के दोनों सदनों से पारित हुआ तो जमीनी स्तर पर कब अमल में लाया जाएगा इसके बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है.

लोकसभा की 26, विधानसभा की 132 सीट पर असर

यूपी की सियासत महिला आरक्षण बिल से किस तरह प्रभावित होगी उससे पहले लोकसभा और विधानसभा की तस्वीर को समझना जरूरी है. यूपी में लोकसभा की 80 सीट और विधानसभा की 403 सीट है. 33 फीसद महिला आरक्षण का अर्थ यह होगा कि 26 लोकसभा की सीट महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएगी वहीं 132 विधानसभा की सीट महिलाओं के नाम हो जाएगी. इसका अर्थ यह है कि किसी भी सूरत में कम से कम 26 महिलाएं देश की संसद में यूपी का प्रतिनिधित्व करेंगी और 132 महिलाएं विधानसभा का हिस्सा होंगी.

33 फीसद महिला आरक्षण का असर

  • लोकसभा की 26 सीटें होंगी आरक्षित
  • विधानसभा की 132 सीटें महिलाओं के लिए होंगी आरक्षित
  • रोटेशन प्रक्रिया के तहत आरक्षण की व्यवस्था
  • 33 फीसद में ही महिला समाज के अलग अलग वर्गों को आरक्षण

महिला आरक्षण बिल में क्या खास है

कैबिनेट से पारित 33 फीसद महिला आरक्षण बिल में एससी, एसटी, एंग्लो इंडियन के लिए आरक्षण का प्रस्ताव है. इसमें यह प्रस्ताव किया गया है कि आरक्षण में रोटेशन प्रक्रिया का पालन किया जाए. अगर मौजूदा समय की बात करें तो लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या 15 फीसद से कम और राज्यों की विधानसभाओं में 10 फीसद से कम हिस्सेदारी है.मौजूदा समय में यूपी विधानसभा में कुल 48 महिला विधायक अलग अलग दलों से प्रतिनिधित्व कर रही हैं. यह कुल 403 सीटों का महज 12 फीसद है. इसी तरह विधान परिषद में 6 फीसद हिस्सा है. अगर बात लोकसभा की करें तो इस समय कुल 11 महिला सांसद हैं जो सभी 80 सीटों का 14 फीसद है.

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