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कम बारिश होने से सूखे के बने हालात, किसानों में बढ़ी बेचैनी

कम बारिश होने से सूखे के बने हालात, किसानों में बढ़ी बेचैनी

अमरिया,पीलीभीत। जिलेभर में औसत से कम बारिश होने से सूखे के हालात बन गए हैं। खरीफ की फसलें धान एवं गन्ना की फसल पानी न होने से खेतों में मुरझाने के कगार पर पहुंच रही हैं फ़सल को सूखने से बचाने के लिए किसानों को लगातार सिंचाई करना पड़ रही है क्षेत्र जहां जहां सिंचाई के लिए नहरों का साधन है बहां सिंचाई करने में आसानी है कुछ स्थानों पर नलकूपों भी सिंचाई का माध्यम है लेकिन बिजली आपूर्ति सुचारू रूप से न होने के कारण सिंचाई में बाधा उत्पन्न होती है।रात के समय ही लोग बिजली आने पर सिंचाई करते हैं।अधिकांश क़ृषि योग्य भूमि की सिंचाई का माध्यम निजी संसाधन हैं किसान डीजल इंजन के सहारे ही फसलों की सिंचाई करते हैं लोगों ने बताया जब से धान की फसल की रोपाई की गई है जब से कोई खास बरसात नहीं हुई है जिससे फसल पर काफी असर पड़ा है फसल उत्पादन में गिरावट के आसार दिखाई दे रहे हैं जबकि डीजल इंजन से तीन चार मर्तबा फसलों की सिंचाई हो चुकी है महंगे डीज़ल होने के कारण फसल की अनुमानित लागत में काफी वृद्धि हो गई है कुछ दिनों बारिश नहीं होती है मौसम का यही हाल रहता है तो सूखें से फसलें बचाना मुश्किल हो जाएगा।
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बारिश न होने से धान, गन्ना सहित अन्य फसलें सूख रही है। सिंचाई के लिए किसान महंगे डीजल खरीदने के लिए विवश हैं। इस बार धान की फसल तैयार करने में किसानों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।
गंगाराम शर्मा
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जबसे धान की फसल की रोपाई हुई है तब से कोई खास बारिश नहीं हुई है। बादलों को देखकर बारिश की संभावना बनती है लेकिन काले बादल आ कर चले जाते हैं। हर सप्ताह डीजल इंजन में फ़सल की सिंचाई करनी पड़ रही है। जिससे फसल लागत बहुत बढ़ गई है।
सज्जाद हुसैन
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डीजल इंजन के अलावा यहां पर सिंचाई का कोई दूसरा साधन नहीं है। बरसात का कोई अंदाजा नहीं लग रहा है। फसल बचाने के लिए कहा तक डीजल फूंका जाएं समझ में नहीं आ रहा है। कर्ज लेकर काम चलाना पड़ रहा है।
रहीसुददीन
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गांव के पास फ़सल की सिंचाई के लिए छोटी माइनर चल रही है। जिससे फसल सींची जा रही है।‌सूखा पड़ने पर फसल में पानी की अधिक आवश्यकता है। माइनर किनारे के लोग हर समय पानी चलाते रहते हैं मुश्किल से नीचे के खेतों में पानी पहुंच रहा है।
सुनील हलधर


 

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