Baliya

घाघरा की उफनती लहरों से तटीय इलाकों के ग्रामीणों में दहशत की स्थिति

हिन्द मोर्चा न्यूज़ तहसील रिपोर्टर खालिद नफीस

(बलिया) बेल्थरारोड में घाघरा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। घाघरा की उफनती लहरों से तटीय इलाकों के ग्रामीणों में दहशत की स्थिति है। केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार घाघरा 4/5 घंटे में प्रति सेमी. की रफ्तार से बढ़ रही है। शनिवार को घाघरा खतरे के निशान से 550 सेमी अधिक उपर बह रहा था। केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार नदी के जल स्तर में 4/5 घंटे प्रति सेमी की रफ्तार से बढ़ाव जारी है।

बेल्थरारोड में शनिवार को डीएसपी हेड पर घाघरा का जलस्तर 64.560 मी. नोट किया गया। यह जल स्तर खतरे के निशान 64.010 मी. से 550 सेमी अधिक है। नदी का जलस्तर बढ़ने से तटीय इलाकों तुर्तीपार का पूर्वी टोला, बहाटपुर, टंगुनिया, नारा पार, खैराखास, मझवलिया, बेल्थरा बाजार, सहियां के ग्रामीणों की बेचैनी बढ़ गई है।

नदी के गांव के मुहाने तक पहुंचने से उनकी रातों की नींद उड़ गई है। ग्रामीण अपने पालतू पशुओं व संडास को लेकर काफी परेशान नजर आए। इस सम्बन्ध में तुर्तीपार निवासिनी गोबरी साहनी का कहना था कि लगातार पानी बढ़ने से घाघरा नदी का जल गांव के मुहाने तक पहुंच गया है।

पानी बढ़ने से सबसे ज्यादा परेशानी यह है कि हमारे शौचालय पानी में डूब जाते हैं। चारों तरफ पानी ही पानी होने के चलते संडास की बहुत दिक्कत होती है। कहा कि यदि गांव में उंचाई पर सामुदायिक शौचालय का निर्माण हो जाता तो विशेषकर महिलाओं को भटकना नहीं पड़ता।

लाल बहादुर साहनी व बिन्दु साहनी का कहना था कि बाढ़ के समय पशुओं को रखने व उनके चारे के लिए काफी परेशानी होती है। यदि गांव में गोशाला होता तो पशुओं को लेकर होने वाली परेशानी दूर हो जाती। राम अवध, छट्ठू साहनी, गोपाल साहनी, लाल बिहारी साहनी, निर्मला साहनी, प्रभावती देवी, शिव कुमारी भी संडास व पशुओं को लेकर चिंतित नजर आए।

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