Padma Awards 2022: राधेश्याम खेमका से स्वामी शिवानंद तक…काशी की इन 6 विभूतियों को मिला पद्म पुरस्कार
वाराणसी: गणतंत्र दिवस (Republic Day) के मौके पर वाराणसी (Varanasi News) से जुड़ी छह विभूतियों को पद्म पुरस्कार से नवाजा गया है. इसमें गीता प्रेस गोरखपुर के अध्यक्ष और सनातन धर्म पर प्रकाशित पत्रिका कल्याण के संपादक राधेश्याम खेमका को मरणोपरांत पद्म विभूषण सम्मान से नवाजा गया है, वहीं वाराणसी के दुर्गाकुंड स्थित स्वामी शिवानंद आश्रम में भी पद्म पुरस्कार की खुशियां पहुंची हैं. स्वामी शिवानंद को भारतीय जीवन पद्धति और योग के नाम पर सम्मान देते हुए पद्म श्री पुरस्कार मिला है.
वहीं संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति रहे व न्याय शास्त्र विद्वान प्रोफेसर वशिष्ठ त्रिपाठी को 81 वर्ष की उम्र में पद्म भूषण सम्मान के लिए चयनित किया गया है. बनारस घराने से जुड़े हुए प्रख्यात सितार वादक पंडित शिवनाथ मिश्रा को भी पद्मश्री सम्मान मिला है, वहीं बनारस में जन्मीं प्रख्यात कजरी गायिका अनीता श्रीवास्तव को पद्मश्री सम्मान मिला है.
अजीता का जुड़ाव मां विंध्यवासिनी की नगरी मिर्जापुर से भी है.स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर काम करने के लिए बीएचयू चिकित्सा विज्ञान संस्थान के मेडिसिन विभाग के पूर्व प्रोफेसर डॉक्टर कमलाकर त्रिपाठी को पद्म श्री सम्मान के लिए चुना गया है.
डॉक्टर कमलाकर त्रिपाठी मूल रूप से पूर्वांचल के सिद्धार्थनगर जिले के मदनपुर गांव के रहने वाले हैं और इस वक्त वाराणसी के रविंद्रपुरी एक्सटेंशन में रहते हैं. प्रोफेसर त्रिपाठी 1998 से 2001 तक जनरल मेडिसिन विभाग बीएचयू के अध्यक्ष भी रहे हैं. इसके अलावा संस्थान में प्रभारी के तौर पर डीन की भी जिम्मेदारी निभा चुके हैं.
मरणोपरांत पद्म विभूषण पाने वाले गीता प्रेस गोरखपुर के अध्यक्ष राधेश्याम खेमका मूलतः बिहार के रहने वाले थे लेकिन बीते दो पीढ़ियों से खेमका काशी आकर कर रहे थे. उन्होंने बीएचयू से पढ़ाई की है. बीते साल अप्रैल में केदारघाट में निवास पर उनका देहांत हो गया था. वहीं 125 वर्षीय स्वामी शिवानंद का जन्म भी यूं तो बंगाल में हुआ लेकिन वह इस वक्त काशी के दुर्गाकुंड इस्थित स्वामी शिवानंद आश्रम में रहते हुए अपनी जीवन शैली से लोगो को प्रेरणा देते हैं.