NR मंडल : दफ्तर में तैनात दबंग सीओएस की कार्यप्रणाली को लेकर चर्चा का बाजार गर्म
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सचिन मिश्र की गहरी पकड़ से नतमस्तक हैं मंडल के अधिकारी
लखनऊ | NR मंडल इस कदर भ्रष्टाचार आकंठ में आकंठ है कि एक अदना बाबू भी करोङों का मालिक बन बैठे हैं और रेलवे बोर्ड एवं रेलमंत्री का किंचिंत भय भी नहीं है इन भ्रष्टाचारियों को | सबसे मजे की बात तो ये है कि इसमें यूनियनों के नेता एवं कार्मिक तथा इंजीनियरिंग से लेकर मैकेनिकल विभाग के अधिकारी भी शामिल हो गये हैं।
पूरे मंडल में रावणराज चल रहा है और ईमानदार अधिकारियों को नजरंदाज किया जा रहा है जिसका जीता जागता उदाहरण एक ईमानदार तपके अपर मंडल रेल प्रबंधक हैं जिन्होंने एक अधिकारी एवं नेता द्बारा अवैध ढंग से नियुक्ति के लिए दबाव बनाये लेकिन उक्त अधिकारी ने साफ- साफ मना कर दिया, इसके बाद दूसरे अधिकारी जो एडीआर एम स्तर के हैं, सीधे पद से लिखित त्यागपत्र तक दे दिया | बहरहाल मामला रफा- दफा हो चुका है ।
आईये अब आपको बताते हैं कि सचिन मिश्र जो सीओएस के पद पर दूरसंचार एंव टेलीकाम का सीओएस (बाबू) के पद पर तैनात है। इसने एक कर्मचारी जो वाणिज्य विभाग का था उससे मोटी रकम लेकर दो वर्ष अधिक डियूटी करवा दिया |उक्त नटवर लाल बाबू के खिलाफ विजिलेंस जांच भी हुई थी लेकिन नेताजी के दबाव पर इसका सारे काले- कारनामों पर प्रशासन ने पर्दा डाल दिया।
सूत्रों के अनुसार दो वर्ष पहले इसके काले कारनामों के चलते कर्मचारियों ने शिकायत किया था तो प्रशासन ने इसको दूरसंचार से हटाकर विद्युत विभाग का डीलर बाबू बनाया गया लेकिन एक चर्चित यूनियन के दबाव में प्रशासन नतमस्तक हो गया और पुनः इसको दूर संचार एवं टेलीकाम विभाग का डीलर बना दिया गया है।
बताते हैं कि सचिन मिश्र एक यूनियन के नेता का दामाद है और यह पहले आरपीएफ में था लेकिन मेडिकल अनफिट होकर डीआरएम आफिस के कार्मिक विभाग में बाबू बन गया फिर इसने वर्षो में ही करोङों का माल बटोर लिया | सूत्रों के अनुसार इसके पक्ष में मंडल रेल प्रबंधक भी हैं।