हौसलें को बुलंद कर रामकेश साहनी ने सब्जी खेती से नाता जोड़ मेहनत से बदली तकदीर.

हिन्दमोर्चा न्यूज़ महराजगंज/रतनपुर.
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हुंडा का खेती में लहलहा रही सब्जी.
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पड़ोसी मुल्क नेपाल के भरैहवा, बुटवल सहित यूपी, बिहार के बाजारों में जाती है ताजी व हरी सब्जियां.
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रामकेश साहनी के जज्बे व तीनों भाईयों की मेहनत ने बदली किस्मत.
‘”कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकती, बस तबियत से एक पत्थर उछालों यारों “‘ यह कहावत रामकेश के हौसले, जज्बे, मेहनत पर सटीक साबित हो रहा है।
नौतनवां क्षेत्र के ग्राम पंचायत रतनपुर टोला गंगापुर निवासी रामकेश साहनी के पास पुस्तैनी महज पच्चीस ढ़िसमील भूमि है। ऐसे तीन छोटे भाई इन्द्रेश, रामनरेश, पंचम, माता-पिता व बहन की जिम्मेदारी अकेले रामकेश के कंधे पर थी। लाचारी, बेकारी , गरीबी व बेबसी बन गयी थी। काफी सोच विचार, मंथन कर मजदूरी मजबूरी बन गयी।
रामकेश अनपढ़ रहते हुए पेट की आग किसी तरह बुझ रही थी, पर पूरी व्यवस्थित न होना हमेशा मन उधेड़बुन में रहता था। प्रबल इच्छा को मजबूत कर 25 ढिसमील भूमि पर सब्जी की खेती करना शुरू कर दिया। अनाज खरीदकर अपना व पूरे परिवार का निवाले का व्यस्था हुआ। धीरे धीरे कुछ लोगों का एक दो एकड़ भूमि हुण्डा पर लेकर सब्जी की खेती करने लगा।
करीब 5 वर्ष पुर्व कोहड़वल निवासी राममूरत मणि त्रिपाठी की 10 एकड़ भूमि हुंडा पर लेकर सब्जी के खेती का बीड़ा उठाकर फावड़ा से नाता जोड़ सब्जी खेती शुरू की थी। नहर के किनारे खेती होने से समय -समय से पानी मिल जाती है। खेत में बोरिंग भी है। सब्जी की खेती लहलहा रही है।
चारों भाईयों की मेहनत रंग लायी, बदली तकदीर.
रामकेश के पहल व इन्द्रकेश, रामनरेश,पंचम की मेहनत रंग लायी। चारों भाई भले ही अनपढ़ हैं। पर खेती में पूरी तरह पारंगत हैं। इस समय टमाटर, बोड़ा, खीरा, लौकी तैयार है। थोक व्यापारी खेत से ही भोर में गाड़ी लेकर सब्जी क्रय करके पड़ोसी मुल्क भैरहवा, बुटवल, सोनौली, नौतनवां ,सहित तमाम बाजारों में ले जाते हैं, इन सब्जीयों की बाजार में काफी मांग है।
कोरोना व लाकडाउन में लड़खड़ा गया था व्यवसाय.
सब्जी किसान रामकेश ने बताया कि पिछले दो वर्ष पूर्व कोरोना व लाकडाउन में सब्जियां बाजार नहीं जा पायी , सब्जियां खेत में रह गयी थी जिससे काफी नुकसान उठाना पड़ा था।
रामकेश अपने भाईयों के साथ कड़ी मेहनत से अपनी किस्मत व हालत में सुधार किया। आज रामकेश के पास खुद का 10 कमरे का मकान है। खेती व टैक्टर सहित कृषि सहायक यंत्रों से लैस है।
अब तक नहीं मिला सरकारी सहयोग व अनुदान.
रामकेश साहनी ने 15 वर्षों से सीमित संसाधनों से सब्जी खेती में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। वहीं किसानों को सब्जी खेती करने के लिए जागरूक भी कर रहे हैं। सरकारी सहायता के नाम पर कोई सहयोग या सहायता नहीं मिला है। सब्जी किसान रामकेश ने बताया कि हमें फसल को जानवरों से बचाव के लिए शासन व कृषि विभाग से पाली हाउस की मांग कर रहे हैं।
क्या है पाली घर.
पॉलीघर या पॉलीहाउस (Polyhouse) पॉलीथीन से बना एक रक्षात्मक छायाप्रद घर है जिसका उपयोग उच्च मूल्य वाले कृषि उत्पादों को उत्पन्न करने के लिये किया जाता है। यह अर्धवृत्ताकार, वर्गाकार या लम्बे आकार का हो सकता है। इसमें लगे उपकरणों की सहायता से इसके अन्दर का ताप, आर्द्रता, प्रकाश आदि को नियन्त्रित किया जाता है।
हिन्दमोर्चा ब्यूरो महराजगंज गिरधर सिंह/ संवाददाता विकास साहनी.