बाफी की वर्दी पहनकर पहली बार गांव पहुँचा आर्मी का जवान
बाफी की वर्दी पहनकर पहली बार गांव पहुँचा आर्मी का जवान
ग्रामीणों ने ढोल नगाड़ों के साथ आर्मी के जवान सौरभ का किया जोरदार स्वागत
बेटे को आर्मी की वर्दी में देख कर पिता की आंखों से ख़ुशी से आंशू झलक पड़े
पूरनपुर, पीलीभीत।
सभी लोग अपने जीवन में बहुत कुछ करना चाहते हैं परंतु सिर्फ चाहने मात्र से ही इंसान को अपनी मंजिल नहीं मिलती है। अगर अपनी मंजिल को हासिल करना है, तो इसके लिए जीवन में कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी और मार्ग में आने वाली कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। तभी आप अपनी मंजिल हासिल कर सकते हैं जिसकी आप चाहत रखते हैं। आज हम आपको एक किसान परिवार में जन्में सौरभ सिंह की कहानी बताने वाले हैं, जो सेहरामऊ उत्तरी थाना क्षेत्र के गांव जगतपुर का रहने वाला है।
गांव में गरीब मां-बाप शिक्षा के महत्व को बखूबी समझते हैं। इसलिए पिता अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए दिन-रात मेहनत कर पढ़ाते हैं।
बेटे को आर्मी में भर्ती होने का सपना आखिरकार पूरा हुआ। अग्निवीर आर्मी में भर्ती होकर बेंगलोर में ट्रेनिंग पूरी होने के बाद पहली बार आर्मी की वर्दी पहनकर गांव में पहुचते ही परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई। जगतपुर के सौरभ सिंह ने आर्मी में भर्ती होकर कर गांव ही नही बल्कि पूरे क्षेत्र का नाम रौशन किया है। फतेहगढ़ में 27 2022 में अगस्त को आयोजित हुई अग्निवीर आर्मी भर्ती में सेहरामऊ उत्तरी थाना क्षेत्र के गांव जगतपुर निवासी सौरभ सिंह ने प्रतिभाग किया था। जिसमें उसने 1600 मीटर दौड़ में एक्सीलेंट दौड़ मारकर अपना परचम लहराया था।इसके पश्चात उसकी फिजिकल और डाक्यूमेंट् की जांच की प्रकिया पूर्ण हुई थी। इसके बाद हुए मेडिकल में वह पास हो गया था। लिखित परीक्षा की मेहनत से तैयारी कर सौरभ सिंह ने 13 नवंबर को आर्मी अग्निवीर भर्ती परीक्षा का पेपर दिया था। इसके बाद घोषित हुए रिजल्ट में आर्मी भर्ती की लिखित परीक्षा पास कर परिवार का गौरव बढ़ाया है। इसके बाद सौरभ सिंह को ट्रेनिंग के लिए बेंगलोर बुलाया गया। करीब 6 माह की ट्रैनिंग पूरी होने के बाद वह सोमवार को आर्मी की वर्दी पहनकर पहली बार अपने गांव पहुँचा। तो गांव ग्रामीणों ने ढोल नगाड़ों व फूल मालाओं सौरभ सिंह का स्वागत किया। आर्मी में सिलेक्शन होने की खबर लगते ही पूरे गाव व परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई। सौरभ ने आर्मी में सिलेक्शन कर अपने गांव ही नही बल्कि पूरे क्षेत्र का नाम रौशन किया है।सौरभ सिंह के पिता विजय सिंह एक किसान है। उनके बेटे सौरभ का बचपन से सपना था कि वह आर्मी में भर्ती होकर देश की सेवा करना चाहता है। आखिरकार बेटे का सपना पूरा हो गया। गांव में गरीब मां-बाप शिक्षा के महत्व को बखूबी समझते हैं। इसलिए पिता अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए दिन-रात मेहनत कर पढ़ाते हैं। कई बार फीस देने पैसे न होने पर कर्ज भी लेते हैं। बच्चे की पढ़ाई प्रभावित न हो इसके लिए किसी के आगे हाथ फैलाने से भी गुरेज नहीं करते। ऐसे एक सेहरामऊ क्षेत्र के गांव जगतपुर में में एक किसान पिता ने मेहनत कर बेटे को पढ़ाया लिखाया।पिता की मेहनत को देखते हुए सौरभ सिंह ने दिन-रात मेहनत से पढ़ाई की और अग्निवीर आर्मी में चयन होकर पूरे परिवार व क्षेत्र का नाम रोशन किया है।।