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नेपाल में प्रधानमंत्री के लिये प्रचंड ने राष्टपति निवास पहुचं कर सरकार बनाने का दावा पेश किया.

नेपाल में प्रधानमंत्री के लिये प्रचंड ने राष्टपति निवास पहुचं कर सरकार बनाने का दावा पेश किया.

हिन्दमोर्चा न्यूज़ महराजगंज/सोनौली.

नेपाल में नए प्रधानमंत्री के लिए राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी की दी हुई डेडलाइन आज खत्म हो रही है। उन्होंने सभी पार्टियों से रविवार तक दावा पेश करने को कहा था। शेर बहादुर देउबा के नेतृत्व वाली नेपाली कांग्रेस और प्रचंड के नेतृत्व वाली सीपीएन- माओवादी केंद्र के बीच सत्ता साझेदारी पर गंभीर चर्चा चल रही है।आज प्रचंड ने सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है।
नेपाल में नए प्रधानमंत्री पद के लिए सहमति नहीं बन सकी है। राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने सभी पार्टियों को प्रधानमंत्री पद के लिए दावा पेश करने को कहा था। इसके लिए बाकायदा रविवार तक की डेडलाइन दी गई थी। इसके बावजूद नेपाली कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन और केपी शर्मा ओली की पार्टी वाले गठबंधन ने अभी तक दावा पेश नहीं किया है। नेपाली कांग्रेस ने चुनाव बाद ही बहुमत का ऐलान किया था। रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि वर्तमान प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के नेतृत्व वाली नेपाली कांग्रेस और पुष्प कमल दहल प्रचंड के नेतृत्व वाले सीपीएन माओवादी सेंटर के बीच सत्ता साझेदारी पर गंभीर बातचीत हो रही है।

प्रचंड को प्रधानमंत्री नहीं चाहती नेपाली कांग्रेस.

दोनों पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं का दावा है कि जल्द ही सभी औपचारिकताओं को पूरा कर लिया जाएगा। दोनों नेता गठबंधन के भीतर सत्ता बंटवारे को लेकर आम सहमति बनाने की कोशिश की जा रही है। इस बीच पुष्प कमल दहल प्रचंड ने देउबा के सामने आधे कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री बनने की शर्त भी रखी है। प्रचंड ने कुछ दिनों पहले देउबा से इस मुद्दे को लेकर मुलाकात भी की थी। प्रचंड के प्रधानमंत्री बनने को लेकर नेपाली कांग्रेस में विरोध से सुर हैं। पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता प्रचंड को प्रधानमंत्री नहीं देखना चाहते हैं।

ओली ने भी प्रचंड से शुरू की बातचीत.

इस बीच पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भी अपने गठबंधन को बढ़ाने की कोशिशें तेज कर दी है। ऐसी खबरें हैं कि उनकी पार्टी सीपीएन-यूएमएल प्रचंड की पार्टी सीपीएन-माओवादी के साथ बातचीत कर रही है। प्रचंड ने भी नेपाली कांग्रेस के नेता और प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा से जल्द फैसला लेने को कहा है। अगर पीएम देउबा तैयार नहीं होते हैं तो नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-माओवादी का गठबंधन भी टूट सकता है। इस बीच ओली की पार्टी ने कहा है कि वे नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-माओवादी दोनों के साथ बातचीत कर रहे हैं।

नेपाल में बहुमत के लिए 138 सीटों की जरूरत.

किसी पार्टी या गठबंधन को स्पष्ट बहुमत के लिए 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में 138 सीट की जरूरत है। लेकिन किसी भी पार्टी के पास सरकार बनाने के लिए पर्याप्त संख्या में सीट नहीं है। सत्तारूढ़ गठबंधन के पास सीट सदन में बहुमत के आंकड़े के आसपास है, लेकिन अब भी इस बारे में फैसला नहीं हुआ है कि मंत्रिमंडल का नेतृत्व कौन करेगा।

नेपाली कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी
देउबा के नेतृत्व वाली नेपाली कांग्रेस (एनसी) नवंबर में हुए चुनाव में 89 सीट के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। सत्तारूढ़ गठबंधन के अन्य सहयोगियों ने मिलकर 47 सीट हासिल की है। इनमें सीपीएन-माओइस्ट सेंटर (32), सीपीएन-यूनिफाइड सोशलिस्ट (10), लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी (4) और राष्ट्रीय जनमोर्चा का एक सदस्य है। नवगठित राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (आरएसपी) ने भी सरकार गठन में नेपाली कांग्रेस के नेतृत्व वाले पांच दलों के गठबंधन को समर्थन देने की पेशकश की है। 20 नवंबर को हुए चुनाव में आरएसपी 20 सीट के साथ चौथी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी।आज रविवार तक राष्टपति ने जो समय दिया था वह खत्म होने वाला था ओली और प्रचंड में सहमती बनने के बाद आज प्रचंड ने राष्टपति विद्दा देवी भन्डारी के शीतला निवास स्थान पहुचं कर दावा पेश कर दिया.अगर राष्टपति ने आज उनको सरकार बनाने के लिये कहती है तो अगला प्रधानमन्त्री प्रचंड होगे ।प्रचंड के पास 166 सासदों का समर्थन है । नेपाल के अगले प्रधानमन्त्री पुष्प कमल दहाल प्रचंड होगे ।

हिन्दमोर्चा टीम महराजगंज.

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