NR लखनऊ एससी एसटी मंडलमंत्री अखिलेश चन्द्र गौतम का जलव, समाजवादी पार्टी का सक्रिय कार्यकर्ता, बनाया करोङों की अवैध संपत्ति, रेलवे बोर्ड के नियम की उङायी धज्जियां

ओ. पी. सिंह
लखनऊ / उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल का एससी एसटी मंडलमंत्री बना चर्चा का विषय उङायी रेलवे बोर्ड के सारे नियम कानून की धज्जियां, जिसको सीखना हो वह सीखे अखिलेश चन्द्र गौतम जैसे तथा कथित नेताओं से, जिसने एससी एसटी कर्मचारियों के लिए खूनपसीना बहाकर बनायी करोङों की संपत्ति
और तो और रेलवे की आङ में करता है समाजवादी पार्टी का नेतागिरी और रेलवे के सारे अधिकारी एवं विजिलेंस की आंखों पर पङा पर्दा।
प्राप्त विवरण के अनुसार रेल आचरण नियमावली 1968 एवं D&R -1966 के तहत कोई भी रेल कर्मचारी किसी भी पार्टी का न तो समर्थन कर सकता और न ही विरोध। और अगर इस तरह से कोई भी कर्मचारी शामिल होता है तो उसे रेलवे नौकरी से बर्खास्त कर देगी।
लेकिन उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल में उल्टी गंगा बह रही है और ये बेखौफ रेल कर्मचारी खुलेआम कुछ भ्रष्ट अधिकारियों को गुमराह करके खुलेआम सपा के बैनर तले नेताओं के साथ गलबहिंया करने में व्यस्त है ।
एक अधिकृत सूत्र ने हिन्दमोर्चा को बताया कि यह तथा कथित मंडलमंत्री का चोला पहनकर अधिकारियों को भय दिखाता है कि अगर मेरे खिलाफ कोई अधिकारी एक्शन लिया तो एससीएसटी आयोग में खङा कर देंगे और यह क्ई फर्जी शिकायती पत्र भी भेज चुका है, कहता है कि एक महिला सदस्य एससी एसटी आयोग हमारी रिश्तेदार एवं जिले की है।
आधा दर्जन कर्मचारियों ने जो एससी हैं बताया कि इसने इसी तथकथित रसूख के बल पर खाद्य विभाग से सरकारी राशन की दूकान भी ले रखा है इसके अलावा इसने मां यशोदा नामक आईटीआई कालेज भी संचालित कर रहा है और सरकार को गुमराह करके मान्यता भी हासिल कर रखा है इसके साथ ही साथ एक पेट्रोल पंप का भी संचालन हरदोई में कर रहा है ।
सूत्रों के अनुसार इसकी पत्नी भी स्वास्थ्य विभाग में संविदा के पद पर कार्यरत है जो कभी भी डियूटी नहीं करती।
मिली जानकारी के अनुसार ये वही अखिलेश चन्द्र गौतम है जिसके खिलाफ मंडल रेल प्रबंधक D&R के तहत जांच का आदेश भी दे चुके हैं ।और ये एक मामूली पद लोको पायलट के पद पर लखनऊ मुख्यालय पर तैनात है और अपनी काली करतूत को छिपाने के लिए अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति का मंडलमंत्री का मुखौटा भी पहन रखा है।
इसने अपने पद एवं रसूख के चलते करोङों की अवैध संपत्ति बना रखा है जब कि यह एक रेल कर्मचारी होते हुए समाजवादी पार्टी के सारे कार्यक्रमों में बढ चढकर शामिल होता है और इसकी पत्नी भी एक तथा कथित राजनैतिक पार्टी की हरदोई की मंडल उपाध्यक्ष एवं जिला प्रभारी के पद पर मनोनीत है।
सूत्रों ने बताया कि यह कभी भी लाईन पर कार्य नहीं किया है और नेतागिरी करके रेलवे का चूना लगा रहा है। अगर इनका दस वर्ष का वर्किंग रिपोर्ट मंगायी जाये तो अपने आप सारी असलियत सामने आ जायेगी।
देखिए रेलमंत्री जी आपके विभाग में ऐसे ऐसे लोग पङे हैं और अधिकारियों को ब्लैकमेल करके एससीएसटी का किस तरह से दुरुपयोग कर रहा है।
(अगले अंक में पढें इसके और काले कारनामें)