Gorakhpur

काबू में है इंसेफेलाइटिस, अब चूहे से उत्पन्न लेप्टोस्पायरोसिस से हो रहा घातक बुखार

गोरखपुर,  महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय से संबद्ध गुरु गोरखनाथ चिकित्सालय के डॉक्टरों ने बुखार के 88 रोगियों के रक्त के नमूनों पर अध्ययन किया। 44 में लेप्टोस्पायरोसिस मिला है। एक नमूने में स्क्रब टायफस, नौ में डेंगू आइजीएम, तीन में चिकनगुनिया व तीन में एंटरोवायरस पाजिटिव होने का पता चला है।

इसमें क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र (आरएमआरसी) का भी सहयोग लिया गया है। विशेषज्ञों ने कहा कि प्रदेश सरकार के अंतर्विभागीय समन्वित प्रयासों से पूर्वी उत्तर प्रदेश में दिमागी बुखार (इंसेफेलाइटिस) को काबू में कर लिया गया है। पर, कुछ वर्षों से एक नए प्रकार के घातक बुखार का असर देखने को मिल रहा है। इसे लेकर यह अध्ययन किया गया है। लेप्टोस्पायरोसिस के मुख्य वाहक हैं चूहे

इस अध्ययन पर विभिन्न संस्थाओं के विशेषज्ञों के मध्य आयोजित कांफ्रेंस में मंथन किया गया है। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डा. अतुल वाजपेयी ने अध्ययन का प्रस्तुतिकरण किया। उन्होंने बताया कि लेप्टोस्पायरोसिस के मुख्य वाहक चूहे हैं। बीमारी के लक्षण

यह बीमारी 20 से 60 वर्ष के उम्र के लोगों में हो रही है। इससे बिना ठंड के उच्च तापमान का बुखार हो रहा है। मरीज के पूरे शरीर में दर्द रहता है। चौथे-पांचवें दिन कुछ मरीजों में पीलिया व कुछ में निमोनिया के हल्के लक्षण मिलने लगते हैं।

इन विशेषज्ञों ने किया केस स्टडी के विश्लेषण पर मंथन परिणाम पर हुए मंथन में एम्स की कार्यकारी निदेशक डा. सुरेखा किशोर, डा. तेजस्वी, केजीएमयू, लखनऊ के कुलपति जनरल विपिन पुरी, मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डा. हिमांशु, गोरखपुर के सीएमओ डा. आशुतोष कुमार दूबे, बीआरडी मेडिकल कालेज से डा. राजकिशोर, आरएमआरसी से डा. राजीव सिंह, डा. एसपी बेहरा, गुरु गोरखनाथ चिकित्सालय के सह निदेशक डा. कामेश्वर सिंह, डा. राजीव श्रीवास्तव, डा. आशीष गोयल, डा. अवधेश अग्रवाल, डा. शैलेश सिंह समेत अनेक डाक्टर शामिल थे।

भयावह नहीं होने पाएगी बीमारी कांफ्रेंस का संयोजन करते हुए महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. प्रदीप कुमार राव ने कहा कि समय से अध्ययन शुरू होने से लेप्टोस्पायरोसिस की बीमारी इंसेफ्लाइटिस की तरह भयावह नहीं होने पाएगी। कुलाधिपति व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय ने एम्स, केजीएमयू, आरएमआरसी, बीआरडी मेडिकल कालेज जैसी महत्वपूर्ण संस्थाओं के साथ करार किया है और उसके अनुरूप कार्य शुरू भी कर दिए गए हैं।

पूरी खबर देखें

संबंधित खबरें

error: Content is protected !!