DIG शिवदीप लांडे को पर्ची देखकर आया गुस्सा, कार्यालय से बाहर निकलकर पुलिसकर्मी को दिया आदेश-पकड़ो इसे पहले
सहरसा। शनिवार के करीब 11:30 बजे कोसी रेंज के डीआइजी शिवदीप वामनराव लांडे अपने वेश्म में बैठकर कार्य निपटा रहे थे। इसी दौरान मधेपुरा जिला के शंकरपुर थाना में दर्ज हत्या के एक मामले का आरोपित मिलने पहुंचा। गेट पर तैनात जवान को एक पर्ची थमाई जिसमें एक वरीय आइपीएस अधिकारी का नाम लिखा था। जवान द्वारा डीआइजी को पर्ची अंदर जाकर दी गई कि साहब गरम हो गये।
गुस्से में वेश्म से बाहर निकले और मिलने पहुंचे व्यक्ति को खरी-खोटी सुना दी। जब डीआइजी को पता चला कि वह हत्या मामले का आरोपित है कि गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया और जवानों को पकडऩे का निर्देश दिया। इस दौरान जवानों द्वारा पिटाई कर उसे पकडऩे की कोशिश की गयी परंतु वह भागने में कामयाब रहा। बाहर मिलने पहुंच लोगों में बस यही चर्चा थी कि साहब किसी की पैरवी नहीं सुनते हैं। फरियादी बिना पैरवी के मिलकर अपनी समस्या से अवगत करा सकते हैं। किसी की पैरवी अगर आ गई तो उनकी शामत है।
जानकारी के अनुसार शंकरपुर थाना कांड संख्या 152/20 दर्ज है। इस कांड के अनुसार एक व्यक्ति की छह गोली मार हत्या कर दी गयी थी। पुलिस के अनुसंधान में कुछ लोगों को अप्राथमिकी अभियुक्त बनाया गया। उसी में से एक अभियुक्त ने एक वरीय आइपीएस अधिकारी से फोन डीआइजी को कराते हुए मामले को देखने का आग्रह किया था। जिसके बाद डीआइजी ने कुछ ङ्क्षबदु पर जांच के निर्देश दिए थे। जांच में अप्राथमिकी अभियुक्त पर विभिन्न विंदुओं पर जांच का आदेश डीआइजी द्वारा दिया गया। इसी बीच अप्राथमिकी अभियुक्त डीआइजी के पास वरीय आइपीएस की पैरवी लेकर पहुंच गया और खुद को पुलिस मित्र बताते हुए मुलाकाती पर्ची पर आइपीएस अधिकारी का नाम भी लिख दिया। फिर क्या था गुस्से से लाल-पीले हुए साहब ने पैरवी वाले की जमकर खबर ले ली…।
कार्यालय कर्मी भी रह गये सकते में
डीआइजी के रौद्र रूप को देखकर वहां अपनी फरियाद लेकर आए लोग इधर-उधर छुपने लगे। हालांकि डीआइजी ने अन्य फरियादियों को शांत रहने और अपनी बात रखने का आग्रह किया। कहा कि गलत लोग पैरवी करा कर नहीं बच पाएंगे। जबकि कार्यालय कर्मी भी पहली बार शिवदीप लांडे का रौद्र रूप देखकर सकते में थे। एक कर्मी ने बताया कि पहली बार साहब को गुस्सा में देखा। साहब किसी की नहीं सुनते।