UP Human trafficking : कानपुर में सामने आया मानव तस्करी का मामला, दार्जिलिंग की दो किशोरी और एक युवती को बेचा
कानपुर, Kanpur Human trafficking : दार्जिलिंग और नेपाल से मानव तस्करी कर लाई गईं दो किशोरियों और एक युवती को शहर के कारोबारियों ने घर में काम करने के लिए खरीद लिया। लखनऊ की संस्था उन्हें बंधनमुक्त कराने के लिए डीएम से मुलाकात की तो एसीएम, श्रम विभाग व पुलिस की संयुक्त टीम ने तीनों को ग्वालटोली और गोविंद नगर स्थित घरों से मुक्त कराया। उन्हें आशा ज्योति केंद्र भेजा गया है।
लखनऊ की संस्था सोशल लीगल इन्फार्मेशन सेंटर की कानूनी सलाहकार नंदनी वर्मा ने बताया कि एक गिरोह किशोरियों और युवतियों को दार्जिलिंग से रुपयों का प्रलोभन और बेहतर भविष्य का झांसा देकर अलग-अलग जिलों में घरेलू कार्य कराने के लिए बेच रहा है।
जुलाई में दार्जिलिंग की एक किशोरी को उन्होंने लखनऊ के सिकंदराबाद चौक निवासी महिला के घर से बंधनमुक्त कराया था। उसके बाद तीन दिन पहले लखनऊ से बचाई गई युवती के जानने वालों से पता चला कि दार्जिलिंग की ही 15 और 16 वर्षीय दो किशोरियां और नेपाल की 24 वर्षीय युवती कानपुर के ग्वालटोली और गोविंद नगर में कारोबारियों के घरों में काम कर रही हैं।
इसपर वह संस्था के कन्वीनर निर्मल गोराना के साथ डीएम विशाख जी से मिलीं और जानकारी दी। डीएम ने एसीएम और श्रम विभाग के साथ पुलिस की एक संयुक्त टीम गठित की। टीम ने शुक्रवार सुबह दोनों जगहों से किशोरियों और युवती को बंधनमुक्त करा लिया। हालांकि, जिनके घर तीनों रह रही थीं उन लोगों ने इसका विरोध कर हंगामा भी किया, लेकिन पुलिस की सख्ती के बाद सभी शांत हो गए। अधिकारी ने तीनों के बयान दर्ज किए।
सिलिगुड़ी के दंपती दार्जलिंग से लाते हैं किशोरी
नंदनी वर्मा ने बताया कि लोगों के घरों में काम करने वाली किशोरियां व युवतियां सबसे ज्यादा दार्जिलिंग से लाई जा रही हैं। इसके लिए सिलिगुड़ी के दंपती कंसलटेंसी चलाकर लोगों को अच्छी नौकरी व बेहतर भविष्य का झांसा देते हैं। उसके बाद उन्हें राज्य के अलग-अलग जिलों में कारोबारियों और उद्यमियों को बेच देते हैं। किशोरियां उनके घरों में काम करती हैं।
-शिकायत आई थी। अधिकारियों को भेजकर दार्जिलिंग की एक महिला और दो किशोरियों को वहां से निकालकर आशा ज्योति केंद्र में भेजा गया है। उनके स्वजन को सूचना दी गई है। उनके आने पर सौंप दिया जाएगा। -विशाख जी, जिलाधिकारी
-तीनों पीड़िताओं को मुक्त करा दिया गया है। उनके बयान दर्ज किए गए हैं। अब आगे की कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल, तीनों के स्वजन भी आ रहे हैं। तीनों को आशा ज्योति केंद्र भेजा गया है। -डा. नीकी नैन्सी, सहायक श्रमायुक्त