Kanpur Police : दारोगा को जबरिया रिटायरमेंट से महकमे में खलबली, प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री के खिलाफ खोला था मोर्चा
कानपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के खिलाफ इंटरनेट मीडिया में मोर्चा खोलने वाले दरोगा नागेंद्र सिंह यादव को जांच के बाद जबरन रिटायर कर दिया गया। दूसरी और दारोगा ने अपने खिलाफ की गई कार्रवाई को गलत बताते हुए कोर्ट जाने की बात कही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों 50 वर्ष से अधिक उम्र के ऐसे कर्मचारियों की स्क्रीनिंग का आदेश दिया था जो कि अपना कार्य सही ढंग से नहीं कर रहे हैं। इसके तहत प्रत्येक जनपद में स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया गया था। अपर पुलिस आयुक्त आनंद कुलकर्णी ने बताया कि इस मामले में दारोगा नागेंद्र सिंह यादव के खिलाफ जांच की गई थी।
जांच में सामने आया कि नागेंद्र सिंह यादव को 10 वर्षों में तीन बार परिनिंदा लेख से दंडित किया जा चुका है। इसके अलावा वह इंटरनेट मीडिया पर प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करता है। दूरभाष पर कई बार उच्चाधिकारियों से अभद्रता का है और डॉक्टरी परीक्षण में शराब पीने की भी पुष्टि हो चुकी है।
एसीपी ने बताया कि जांच में यह भी सामने आया है कि दारोगा नागेंद्र सिंह यादव राजनैतिक पार्टियों के कार्यक्रमों में भी प्रतिभाग करता है और बिना सूचना अनुपस्थित रहने के साथ विभागीय कार्य में रुचि नहीं लेता है। इन सब आरोपों के मद्देनजर नागेंद्र सिंह यादव को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है।
दारोगा बोला, अन्याय हुआ कोर्ट जाऊंगा
जबरन सेवानिवृत्ति दिए जाने पर दारोगा नागेंद्र सिंह यादव का कहना है कि जिस प्रकरण को लेकर दंडित किया गया है, वह 2020 का मामला है। इस मामले में सैफई के युवक को गिरफ्तार करके जेल भी भेजा गया था। अधिकारियों ने जांच के बाद 15 दिन का वेतन काटा था। उसने कोई अपराध नहीं किया था बल्कि पुलिस अधिकारियों ने बिना जांच के उसे दंडित किया था।
दारोगा का कहना है कि पिछले तीन साल में 12 अवकाश दिए गए। घर पर आवश्यक कार्य की वजह बताने पर भी अवकाश नहीं दिया गया तो वह बिना सूचना चले गए थे। इस प्रकरण में भी उनका 30 दिन का वेतन काट दिया गया था। जो भी मामले थे, उसमें दंडित किया जा चुका है। ऐसे में जबरन सेवानिवृत्ति देकर उसके साथ अन्याय किया गया है। वह इस मामले को लेकर कोर्ट में जाएंगे।