आपके बच्चे भी यहां करते हैं पढ़ाई तो हो जाएं सावधान? यूपी के ये 107 स्कूल कभी भी हो सकते हैं धराशाई
यूपी में सरकारी स्कूलों की क्या स्थिति है यह किसी से छिपी नहीं है। प्रदेश के ज्यादातर प्राइमरी स्कूल जर्जर हैं। कई स्कूल तो ऐसे हैं जो बिल्कुल खंडर हैं, लेकिन फिर यहां कक्षाएं संचालित हो रही हैं। इन स्कूलों में बच्चों के भविष्य के साथ उनकी जान के साथ भी खिलवाड़ हो रहा है। यह जर्जर बिल्डिंग कब धराशाई हो जाएंगे यह कहा नहीं जा सकता। डर इस बात का भी है कि स्कूल संचालन के समय अगर हादसा होता है तो कई बच्चों की जान भी जा सकती है।
यूपी के शाहजहांपुर जिले का है। अभी 10 दिन पहले ही भावलखेड़ा और खुदागंज इलाके के दो प्राथमिक विद्यालयों के परिसर में निष्प्रयोज्य बिल्डिंग ढह गई। शुक्र इस बात का था कि यह दोनों ही स्कूलों के भवन रात में ढहे। शाहजहांपुर में 107 पुराने जर्जर स्कूल भवन हर वक्त बच्चों के लिए खतरा बने हुए हैं, इन्हें गिराकर मलबा नीलाम करने के आदेश 2020 में दिए गए थे, तब से अब तक दो साल हो गए हैं। अभी नीलामी आदि की प्रक्रिया ही चल रही है 1940 में बने स्कूल भवन को अब तक नहीं ढहाया
भावलखेड़ा ब्लाक के गुर्री में सबसे पुराना 1940 में बना स्कूल भवन है। यह भवन भी जर्जर घोषित है। 81 साल हो गए, इस स्कूल भवन में कई पीढ़ियां पढ़ीं और गुजर भी गईं, लेकिन बिल्डिंग को अब तक जमींदोज नहीं किया गया है। इसी तरह से जर्जर घोषित 107 स्कूल भवनों में करीब 30 ऐसे भवन हैं, जिनकी उम्र 50 साल से ऊपर हो चुकी है।
वर्ष 2020 में शासन ने जर्जर भवनों को गिराने के दिए थे निर्देश
शाहजहांपुर जिले में वर्ष 2020 में शासन ने आदेश आया था कि स्कूलों के जर्जर भवन की जांच के लिए कमेटी का गठन किया जाए। जर्जर बिल्डिंगों को गिराकर उसका मलबा नीलाम कर राशि सरकारी कोष में जमा करा दी जाए। इसके बाद अधिशासी अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण सेवा अध्यक्ष, सहायक अभियंता लोक निर्माण विभाग सदस्य और सहायक अभियंता लघु सिंचाई सदस्य की एक कमेटी बनी। इस कमेटी ने पूरे जिले के सभी ब्लाक क्षेत्र के स्कूलों को निरीक्षण किया और 107 स्कूलों के भवन जर्जर होने की रिपोर्ट संबंधित अधिकारी को सौंपी। चूंकि दो साल तक कोरोना के कारण कुछ हुआ ही नहीं, इसलिए न स्कूल भवन ढहाए गए और न ही उनका मलबा नीलाम हो सका।
सबसे ज्यादा भावलखेड़ा और सिंधौली ब्लाक में जर्जर भवन
जिले में भावलखेड़ा और सिंधौली ब्लाक क्षेत्र में सबसे ज्यादा जर्जर स्कूल भवन चिन्हित किए गए हैं, इनमें भावलखेड़ा ब्लाक क्षेत्र में 32 और सिंधौली ब्लाक क्षेत्र में 30 जर्जर स्कूल भवन हैं। इसी क्रम में बंडा में 7, कटरा में 14, खुटार में 3, तिलहर में 18, निगोही में 12, पुवायां में 5 स्कूलों के भवन जर्जर हैं, हालांकि इन स्थानों पर नए भवन का निर्माण हो चुका है, उसी में पढ़ाई होती है, जर्जर भवनों के आसपास जाने से बच्चों को रोका जाता है, उन पर निगरानी भी रहती है, लेकिन किसी दिन अनहोनी हो गई तो उसका जिम्मेदार कौन होगा।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सुरेंद्र सिंह ने बताया, जर्जर भवनों की लिस्ट संबंधित खंड शिक्षा अधिकारियों को भेज दी गई हैं, उन्हें निर्देशित किया गया है कि 15 दिन के अंदर बिल्डिंगों का मलबा नीलाम कर दिया जाए। नीलामी प्रक्रिया के लिए भी कमेटी का गठन किया जा रहा है।