स्व शारदानंद अंचल की 75 वीं जयंती पर राजनीतिक दिग्गजो के अलावे समाजवादियो का होगा जमावड़ा

हिन्दमोर्चा न्यूज़ रिपोर्ट बेल्थरा रोड बलिया
समाजवाद के सच्चे प्रहरी पूर्वांचल के जेवर स्व शारदानंद अंचल सपा संरक्षक मुलायम सिंह के करीबियों में से एक थे। इन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और निरंतर विकास के पथ पर चलने का काम किया।शारदानंद का जन्म जनपद बलिया तहसील बिल्थरारोड के पशुहारी गांव में 19 जुलाई 1947 को हुआ था।इनके बचपन का नाम शारदा प्रसाद यादव पिता का नाम देवराज व माता का नाम बन्धुई देवी था।इनके पिता पटवारी थे।अंचल अपने पिता की तीन संतानों में से सबसे बड़े थे बचपन से ही इनकी रुचि सामाजिक कार्यों में था।
इन्होंने प्रारंभिक शिक्षा गांव पर और जूनियर की शिक्षा चरौवा केअलावे हाईस्कूल और इंटर की पढ़ाई डीएवी इंटर कॉलेज बेल्थरा रोड से पूरी की।इन्होंने छात्र राजनीति के दौरान ही हिंदी विश्वविद्यालय प्रयाग से स्नातक की उपाधि प्राप्त की।इनके पिता इन्हें सरकारी नौकरी कराना चाहते थे लेकिन अपने पिता के विचारों से अलग होकर डॉ राम मनोहर लोहिया राज नारायण के समाजवादी विचारों से प्रभावित होकर चौधरी चरण सिंह के सानिध्य में राजनीति की शुरुआत की।
अंचल इमरजेंसी के दौरान 18 माह जेल में भी रहे। अपने प्रखर विचारों के चलते चौधरी चरण सिंह के करीबी बन गए।1980 में चौधरी चरण सिंह के नेतृत्व वाली दलित मजदूर किसान पार्टी से चुनाव लड़े और चुनाव हार गए।इन्होंने अपने संघर्ष के बल पर आगे बढ़ने का प्रयास किया और दूसरी बार इन्होंने लोकदल से अपने भाग्य की आजमाइश की।और 1985 में पहली बार जीत हासिल की।1989 में जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़े और दूसरी बार भी जीत दर्ज की।
उसी दौरान जनता दल का विभाजन हो गया और कांग्रेस के समर्थन से मुलायम सिंह यादव की सरकार बनी जिसमें इन्हें लोक निर्माण राज्य मंत्री बनया गया।सरकार ज्यादा दिन तक नहीं टीक सकी और 1991 में मध्यवर्ती चुनाव हुआ जिसमे इन्हें हार का सामना करना पड़ा।
1992 में सपा का गठन हुआ 1993 में सपा से चुनाव लड़े और जीतकर तीसरी बार विधायक बने।प्रदेश में मुलायम सिंह की नेतृत्व वाली सरकार बनी जिसमें 4 माह शिक्षा राज्यमंत्री इसके बाद पशुपालन एवं पशुधन राज्यमंत्री बनाए गए।1996 में सपा से चुनाव लड़े और चुनाव हार गए पार्टी इन्हें प्रदेश सचिव बना दिया।2002 में सपा के टिकट पर चुनाव लड़े और पुनः जीत दर्ज की। अक्टूबर 2003 में सपा की सरकार बने जिसमें सहकारिता मंत्री बने इन्होंने सीयर क्षेत्र का चौमुखी विकास कराया जिसके बदौलत इन्हें विकास पुरुष एवं जननायक के रूप में ख्याति प्राप्त की।
2007 में सपा से चुनाव लड़े और चुनाव हार गए।2 मई 2010 को इनके पैतृक गांव पशुहारी में इन्हें दिल का दौरा पढ़ने से इनका असामयिक निधन हो गया। स्व अंचल की पत्नी श्रीमती शीतला देवी भी सीयर ब्लॉक का प्रमुख रह चुके है।इनके तीन पुत्रों में से सबसे बड़े जयप्रकाश अंचल बैरिया विधानसभा से दूसरी बार विधायक है।
क्षेत्र के चक मेंहरल्ली मऊरहा स्थित शारदा नन्द टेक्निकल इंस्टीट्यूट में आयोजित जयंती एवं श्रद्धाजंलि सभा मे मंगलवार को इनकी 75 वीं जयंती पर राजनीतिक दिग्गजो के अलावे समाजवादियो का जमावड़ा होगा।