Azamgarh

सपा की हार पर बोले बीजेपी के निरहुआ, आजमगढ़ में जीत विरासत में मिली सियासत के अहंकार का अंत

आजमगढ़ में भाजपा प्रत्याशी दिनेश लाल यादव निरहुआ ने आम चुनाव में मिली हार का बदला उपचुनाव में ले लिया है। निरहुआ ने करीब 11000 वोटों से चुनाव जीत लिया है। इस जीत के साथ ही निरहुआ ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर बड़ा हमला बोला है। निरहुआ ने बिना नाम लिये कहा कि विरासत में मिली सियासत के अहंकार का अंत हो गया है। यह जनता की जीत है।

निरहुआ ने ट्वीट करते हुए लिखा कि आजमगढ़वासियों आपने कमाल कर दिया है। यह आपकी जीत है। उपचुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही जिस तरीके से आप सबने भाजपा को प्यार, समर्थन और आशीर्वाद दिया, यह उसकी जीत है। यह जीत आपके भरोसे और देवतुल्य कार्यकर्ताओं की मेहनत को समर्पित है। निरहुआ को पिछली बार भी भाजपा ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव के सामने प्रत्याशी बनाया था। लेकिन वह हार गए थे। इस बार उन्होंने बदला ले लिया है।

सही साबित हुआ निरहुआ का विश्लेषण

आजमगढ़ में बेहद कम वोटिंग के बाद निरहुआ ने इसे अपने लिए फायदेमंद बताया था। उन्होंने विश्लेषण के साथ बताया था कि कैसे अब उनकी जीत पक्की है। आजमगढ़ में लोकसभा के आम चुनाव में 56.12 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। जबकि उपचुनाव में 50 फीसदी से कम मतदान हुआ है। कम वोटिंग के लिए निरहुआ ने कई कारण गिनाएं और अपनी जीत सुनिश्चित बताई थी।

निरहुआ ने कहा था कि इस चुनाव में योगी जी के कारण बूथ कैप्चरिंग नहीं हुई है। यह बूथ कैप्चरिंग सपा वाले करते रहे हैं। पहले लोग अखिलेश के कारण उग्र हो जाते थे, अब वो स्थिति नहीं है। इस बार अग्रेसिव वोटिंग नहीं हुई है। उनके वोटरों को पता है कि अखिलेश जीतने के बाद भाग गए और धर्मेंद्र भी भाग जाएंगे। इसलिए उनके वोटर कम आए हैं। हमारे पक्ष में ज्यादा वोटिंग हुई है।

एक अन्य कारण गिनाते हुए निरहुआ ने कहा था कि लोगों को पता है कि ये लोग सत्ता से दूर हैं। इनके जीतने पर भी जिले का विकास नहीं होगा। हमारे जीतने से ही विकास हो सकेगा। इनके दस विधायक हैं लेकिन कोई विकास नहीं हो रहा है। सत्ता से दूर रहने का रोना रोते हैं, अभी तो लंबे समय तक सत्ता से दूर ही रहना है। इसलिए जनता हमें वोट देगी।

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