Uttar Pradesh

Azam Khan : अखिलेश यादव से नाराज आजम खां लखनऊ में मुलायम सिंह यादव से भी नहीं मिले, शपथ लेने के बाद रामपुर लौटे

लखनऊ। तुनुक मिजाजी के लिए विख्यात समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य की पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से तल्खी सामने आ गई है। करीब सवा दो वर्ष तक सीतापुर जेल में बंद आजम खां काफी समय के बाद भी अखिलेश यादव के जेल में आकर भेंट ना करने से इतना नाराज हुए कि अपनी बात समर्थकों के मुंह से कहलवा दी।

आजम खां लखनऊ में सोमवार को विधान भवन पहुंचे और बेटे अब्दुल्ला आजम खां के साथ ही विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष में विधानसभा सदस्य के पद की शपथ ली। उसके बाद से आजम खां किसी से नहीं मिले। वह रामपुर प्रस्थान कर गए।

रामपुर सदर से समाजवादी पार्टी के विधायक आजम खां ने अपने बयानों से काफी सुर्खियां बटोरीं और लम्बे समय तक उनके बयान काफी चर्चा में रहते थे। बीते दो-तीन वर्ष वर्ष से आजम खां लम्बी चुप्पी से राजनीति के गलियारे में हलचल मची है।

आजम भले ही विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ खुलकर कुछ नहीं बोल रहे हैं लेकिन, जिस तरह समाजवादी पार्टी से उन्होंने दूरी बना रखी है, उससे तो लगता है कि यह अब बढ़ती ही जाएगी। उनकी इस दूरी से उनके जल्द ही सपा से किनारा करने के संकेत मिल रहे हैं।

रामपुर रवाना होने से पहले आजम खां ने कहा कि स्वास्थ्य अच्छा नहीं है इसलिए सदन में भाग नहीं ले रहा हूं। उन्होंने यह भी कहा कि शिवपाल यादव से मुलाकात लगातार होती रही है। जो कोई मिलने आएगा मुलाकात करूंगा।

अभी तक अपनी जिंदगी में लाइन खींच कर रखा हुआ था, लेकिन अंदाजा यह हुआ कि सलाम दुआ सबसे रखनी चाहिए। सबसे मुलाकात होनी चाहिए, चाय-नाश्ता भी होना चाहिए।

क्या दूसरे दल में शामिल होने के सवाल पर आजम ने कहा कि अभी तो मेरा जहाज काफी है, कोई माकूल किश्ती नजर आए तब उस कश्ती की तरफ देखूं। कपिल सिब्बल के राज्यसभा भेजे जाने के सवाल पर कहा कि उनकी शख्सियत बहुत बड़ी है। जिस पार्टी से वो जाएंगे उस पार्टी के लिए अच्छा ही रहेगा। कपिल सिब्बल के राज्यसभा में जाने से सबसे ज्यादा खुशी मुझे होगी।

अखिलेश यादव से नाराजगी पर आजम खां ने कहा कि मैं नाराजगी की हैसियत में नहीं हूं। कमजोर आदमी हूं, सैकड़ों मुकदमे हैं मुझ पर, मेरे रिश्ते में कोई दरार नहीं है। मेरी औकात नहीं है कि मैं किसी से नाराज रहूं। मैं नेताजी के बारे में कोई कमेंट नहीं कर सकता उनकी हस्ती बड़ी है।

समाजवादी पार्टी की स्थापना में मुलायम सिंह यादव तथा शिवपाल सिंह यादव के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाले आजम खां का लखनऊ आकर मुलायम सिंह यादव से ना मिलना लोगों को काफी हैरत में डाल रहा है।

आजम खां इससे पहले भी समाजवादी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से नाराज होते रहे हैं, लेकिन इस बार तो दूरी ज्यादा ही हो गई है। वह जेल से बाहर आने के बाद लखनऊ में 21 मई को समाजवादी पार्टी विधानमंडल दल की बैठक में शामिल होने के स्थान पर रामपुर जिला जेल में बंद समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता तथा नेताओं से मिले।

अखिलेश यादव ने कहा था कि जब आजम खां सीतापुर जेल से रिहा होंगे तब वह उनसे मिलेंगे, लेकिन वह नहीं मिले। इतना ही नहीं करीब सवा दो वर्ष बाद उनके जेल से रिहा होने के बाद भी मुलायम सिंह यादव भी उनसे मिलने नहीं आए।

शिवपाल सिंह यादव ना सिर्फ जेल में जाकर आजम खां से मिले, बल्कि जिस दिन आजम खां जेल से रिहा हुए उस दिन भी वह जेल के गेट पर उनके साथ थे। अब सभी को आजम खां के अगले कदम का इंतजार है।

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