उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल कार्यालय में तैनात एक मुख्य हित निरीक्षक ने बनायी करोङों की अवैध संपत्ति रेलवे प्रशासन के सारे नियम कानून को दिखाया ठेंगा
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उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल कार्यालय हजरतगंज में तैनात एक मुख्य हित निरीक्षक ने बनायी करोङों की अवैध संपत्ति रेलवे प्रशासन के सारे नियम कानून को दिखाया ठेंगा
लखनऊ / देखिए रेल मंत्री जी एवं अध्यक्ष /सीईओ रेलवे बोर्ड न्ई दिल्ल रेलवे बोर्ड एवं रेलवे के अन्य विभागों में भ्रष्ट अधिकारियों पर कितना भी लगाम लगायें और अनिवार्य सेवा निवृति करें, ले किन लखनऊ मंडल कार्यालय में एक ऐसा मुख्य हित निरीक्षक चर्चित है जो विगत क्ई वर्षो से करोङों रुपयों का खेल कर चुका है और उस पर विजिलेंस केस भी वर्षो पूर्व हो चुका है लेकिन आज तक उसका बाल बांका नहीं हो सका।
चूंकि वह भ्रष्ट मुख्य हित निरीक्षक पर रेलवे के एक चर्चित नेता का हाथ बताया जाता है और वह नेता रेलवे के कुछ प्रमुख अधिकारियों का चहेता बताया जाता है।सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उक्त नेता की रेलवे बोर्ड में खासी बदनामी हो चुकी है़।
मिली जानकारी के अनुसार लखनऊ मंडल कार्यालय में कुछ दिन पहले उक्त मुख्य हित निरीक्षक की तूती बोलती थी और बिना उसके परमीशन से कोई भी कार्य कार्मिक विभाग के अधिकारी नहीं करते थे। क्योंकि उक्त हित निरीक्षक साथ ही साथ यूनियन में पदाधिकारी भी है और गोपनीय विभाग का बतौर इंचार्ज भी बना ।
गोपनीय विभाग ऐसा विभाग है जिसका इंचार्ज किसी भी यूनियन का पदाधिकारी नहीं बन सकता। लेकिन लखनऊ मंडल में तो केवल नेता जी की ही चलती है जब से नये मंडल रेल प्रबंधक एस के सपरा आये हैं तब से कुछ लगाम लगा है लेकिन अभी भी अन्दर से खेल जारी है।
रेलवे के एक अधिकृत सूत्र ने बताया कि उक्त तथा कथित नेता की इस कदर कृपा है कि दो -दो बार विजिलेंस जांच का आदेश हुआ लेकिन नेता जी अपनी दलाली के बदौलत सारी जांचे ठंडे बस्ते में डलवा
दिया। गजब के हैं नेता जी ये इतने ईमानदार हैं कि उक्त मुख्य हित निरीक्षक इनके बिटिया को क्ई वर्षो से घर बैठाकर वेतन दिला रहा है जिसकी एवजी में नेताजी जानकी बाजी लगा दिया।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उक्त चर्चित मुख्य हित निरीक्षक ने अपनी बीबी एवं साली तथा साले के नाम पर करोङों रुपयों का जमीन खरीदा हुआ है और वह भी नोएडा, लखनऊ ,पंजाब जैसे मंहगे शहरों में।
सबसे मजे की बात ये है कि मृतक आश्रित कोटा में नियुक्ति कोई और करता है और सौदा ये करता है दिन भर गोपनीय विभाग में बैठकर सिगरेट पीता है,
सौदेबाज़ी का कार्य यही करता है। सूत्रों के अनुसार इसके पास एक ऐसा खाता संख्या है जिसमें रिश्वत का पैसा डलवाता है। पता चला है कि इसका एक ढाबा गोमती नगर में चलता है जो दूसरे के नाम पर दर्ज है।
ये खुलेआम कहता है कि मेरा रेल मंत्री हो अथवा सीबीआई कोई बाल बांका नहीं कर सकता।दे खिए रेल मंत्री जी एवं रेलवे बोर्ड के आला अधिकारियों एक अदना सा मुख्य हित निरीक्षक सबको भ्रष्टाचार का नंगा नांच दिखा दिया है और रेलवे की विजिलेंस एंव कार्मिक विभाग नेता जी के दबाव में आकर चुप्पी साध रखा है।