मालीपुर बाजार के तालाब में अवैध कब्जा प्रकरण में लेखपाल का भ्रष्टाचार कार्यवाही में बना बाधा
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ग्राम प्रधान ने लगाया प्रशासन को गुमराह करने का आरोप
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55 से 60 लोगों ने तालाब पर अवैध कब्जा कर निर्माण कराया है भवन
अंबेडकर नगर | तहसील जलालपुर क्षेत्र के मालीपुर बाजार में स्थित तालाब की भूमि में बने दर्जनों मकानों के मामले में हल्का लेखपाल कवच बना है जिसकी कार्यशैली के चलते सरकार की छवि धूमिल हो रही है | जबकि प्रधान द्वारा अनवरत प्रशासन को शिकायती पत्र देकर संज्ञान में लाया जा रहा है |
ज्ञात हो कि योगी सरकार-2 के कार्यकाल में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्रतिबंधित जमीनों से अवैध कब्जा हटवाना प्राथमिकता में है लेकिन हल्का लेखपालों के भ्रष्टाचार के चलते शासन की मंशा नाकाम होते दिखाई पड़ रही है | इसी तरह का प्रकरण मालीपुर बाजार का है | गाटा संख्या -214,15 जो राजस्व अभिलेख में लगभग 6 बीघे का तालाब दर्ज है | इस तालाब में 55 से 60 लोगों ने अवैध रूप से अपना आशियाना बना लिया है |
इसे लेकर स्थानीय लोग कई साल से आवाज उठाते आ रहे हैं लेकिन जो भी लेखपाल तैनात रहा उसके द्वारा दायित्व निर्वहन में लापरवाही की जाती रही | इसका मुख्य कारण लक्ष्मीनिया का कमाल बताया जा रहा है | शिकायतों की जांच में अवैध की पुष्टि हुई है और उस पर नोटिस व जुर्माना की कार्यवाही में सिमट गया है | मौजूदा प्रधान का आरोप है कि इस समय जिस लेखपाल की तैनाती है उसके द्वारा प्रशासन को गुमराह किया जा रहा है |
यही नहीं रेलवे स्टेशन से होकर प्राचीन राम जानकी मंदिर के मार्ग पर लोगों से अवैध कब्जा कराने और संरक्षण दिया जा रहा है जिसमें हल्का लेखपाल ने लोगों से सौदेबाजी की है | आरोप है कि यदि यह लेखपाल तैनात रहा तो तालाब की भूमि से अवैध कब्जा हट पाना आसान नहीं होगा |