World Homeopathy Day 2022 : कोरोना में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की बात हो या फिर अन्य कोई भी बीमारी। मीठी गोली हर बीमारी को खत्म करने में कारगर साबित हो रही है। कोरोना की लहर में संक्रमण से मुबाकला करने के लिए प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए लोगों ने तरह-तरह के नुस्खे आजमाए। इसके साथ ही होम्योपैथ चिकित्सकों ने भी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए मीठी गोली लोगों को वितरित की।
होम्योपैथ दवाओं को लेकर भी लोगों में जागरूकता आइ। होम्याेपैथिक दवाओं को लेकर लोगों का रुझान बढ़ने के साथ ही अब अन्य बीमारियों में भी लोग इस्तेमाल कर रहे हैं। रविवार 10 अप्रैल को होम्योपैथ के संस्थापक जर्मन चिकित्सक डा. क्रिश्चियन फ्रेडरिक सैमुअल हैनीमैन की 266 वीं जयंती मनाई जाएगी। होम्योपैथ चिकित्सकों ने कोरोना काल में अपनी सेवाओं से इस पद्धति से इलाज कराने में लोगों ने विश्वास जगाया है।
कोरोना के बाद अब कैंसर रोगियों की सेवा का संकल्पः
पूर्व जिला क्षय रोग अधिकारी डा. आरके शर्मा ने कोरोना महामारी की दोनो लहर में लोगों प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए निरंतर शिविर लगाकर दवाओं का वितरण किया। कोरोना संक्रमितों की संख्या शून्य होने के बाद उन्होंने अब कैंसर के मरीजों का निश्शुल्क उपचार कराने का संकल्प लिया है। इसके लिए वह बुद्धि विहार स्थित अपने आवास पर ही ओपीडी चला रहे हैं। उनका कहना है कि नौकरी के बाद अब समाज की सेवा ही उनका मकसद है। वह निरंतर इस कार्य को करते रहेंगे।
होम्योपैथ दवा से महिलाओं को दे रहीं इलाजः होम्योपैथ चिकित्सक डा. पल्लवी गौड़ महिला रोग विशेषज्ञ हैं। वह मुरादाबाद में पिछले कई साल से होम्योपैथिक इलाज कर रही हैं। कोरोना काल में ताड़ीखाना और उसके आसपास के मरीजों को प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की दवा दी। इसके साथ ही महिला रोग से जुड़ी बीमारियों का भी उन्होंने उपचार किया। वह बताती हैं कि पहले होम्योपैथिक दवा को लेकर महिलाओं में यह सवाल बहुत रहता था कि इस दवा से ठीक हो जाएंगे या नहीं। लेकिन आज की तारीख में यह सवाल कोई नहीं पूछता। इस दवा का रिजल्ट सबको मालूम है।
कोरोना ड्यूटी के दौरान देती रहीं दवाः
जिला अस्पताल में होम्योपैथी डिस्पेंसरी में प्रतिदिन 150 से 200 तक की ओपीडी हो जाती है। होम्योपैथ चिकित्सक डा. पुष्पेंद्र चौधरी ने कोरोना काल में संक्रमितों की ड्यूटी करने के साथ ही अस्पताल की इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को भी दवा दी। उनका कहना है कि बीमारी को जड़ से खत्म करने में होम्योपैथ दवा बहुत कारगर है। कोरोना काल में लोगों को प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए दवा दी गई। लोगों ने दवा का असर भी खूब महसूस किया। पहले के मुकाबले जिला अस्पताल की ओपीडी काफी बढ़ी है।