इंग्लिश मीडियम विद्यालयों के विरुद्ध आवाज उठाने के लिए समाज सेवक भी नहीं आ रहे हैं आगे
द्वारा सरफराज अहमद
=#टांडा में गरीबों के बच्चे इंग्लिश मीडियम विद्यालयों के केवल ताकते हैं गेट
टांडा(अम्बेडकरनगर) टांडा में स्कूल तीन कैटेगरियों ए,बी व सी कटेगरियों में बंट गया है जब से शिक्षा का व्यवसायीकरण हुआ तब से केवल अमीर के बच्चे ही इंग्लिश मीडियम स्कूलों में एडमिशन पा रहे हैं जबकि गरीबों के बच्चे केवल इंग्लिश मीडियम विद्यालयों के गेट ही ताकते रहते हैं शायद उनका नशीब ही इतना अच्छा नही है थक हार कर ‘सी’ श्रेणी के समझे जाने वाले परिषदीय विद्यालयो में गरीबों के बच्चे दाखिला करा लेते है.
कोई भी सामाजिक कार्यकर्ता और संस्था चलाने वाले और समाज सेवा की लंबे-लंबे डींगे हांकने वाले इन इंग्लिश मीडियम विद्यालयों के विरुद्ध सामने आने को तैयार नहीं आखिर इन गरीबों के बच्चों को इंग्लिश मीडियम विद्यालय में दाखिला कौन कराएगा ?टांडा में समाज सेवा की दुकान चलाने वाले आखिर सामने क्यों नहीं आगे आ रहे हैं.
टांडा में इंग्लिश मीडियम विद्यालयों को ‘ए’ श्रेणी का विद्यालय कहा जाता है अच्छे स्तर के हिंदी मीडियम विद्यालयों को ‘बी’ श्रेणी का विद्यालय कहा जाता है जबकि परिषदीय विद्यालयों को ‘सी’ श्रेणी का विद्यालय कहा जाता है गरीबों के बच्चे के परिषदीय स्कूलों में पढ़ने को मजबूर है । जिस तरह अमीर और गरीब के बच्चों के बीच खाई बढ़ रही है उसे यही लग रहा है कि आने वाले समय केवल अमीर के बच्चे ही अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा प्राप्त करेंगें ।
ऐसा नहीं है इसकी जानकरी शिक्षा विभाग के लुटेरे अधिकारियों को नहीं है बताया तो यहां तक जा रहा है कि मोटी रकम इन अधिकारियों के पास विद्यालय द्वारा भेज दी जाती है शिक्षा शिक्षा विभाग के अधिकारी रूपया पाते ही आंख पर पट्टी बांध लेते हैं ये घृतराष्ट्र हो गये है इसी लिए निजी अंग्रेजी माध्यम के स्कूल मनमानी पर उतारू हो जाते हैं और अभिभावकों के जेब पर डाका डालना शुरू कर देते है अभिभावकों का दर्द कोई सुनने वाला नहीं है समाज सेवा की टांडा में ढोल बजाने वाले समाज सेवक अब बिल में घुस गए हैं गरीब बच्चों की मदद कैसे की जाए?
समाज सेवा का ठेका लेने वाले कुछ बताने की स्थिति में नहीं है इंग्लिश मीडियम विद्यालयों के विरुद्ध समाजवादी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस के नेता बोलने को तैयार नही है जबकि ये प्रमुख राजनीतिक दल है लेकिन ये भी बोलने से कतरा रहे हैं क्योंकि कहीं ना कहीं इन्ही राजनीतिक दलों में विद्यालय चलाने वाले लोग भी शामिल है इसलिए राजनीतिक दल इनके विरुद्ध आगे नहीं आ रहे हैं लोगों ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से टांडा में इंग्लिश मीडियम विद्यालय के विरूद्ध कार्रवाई की मांग की है।